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अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के फैसले के खिलाफ SC पहुंची कांग्रेस

अरुणाचल प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले. केंद्रीय कैबिनेट ने रविवार को ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी. कांग्रेस ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

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राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह

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अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी है. कांग्रेस का कहना है कि यह फैसला असंवैधानिक है. सोमवार को हुई आपात बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फैसला किया था कि अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की जाएगी. अरुणाचल में कांग्रेस के 47 में से 21 विधायकों ने डेप्युटी स्पीकर का समर्थन किया है. बीजेपी के 11 और दो निर्दलीय विधायक भी डेप्युटी स्पीकर के समर्थन में आ गए हैं. इसके बाद कांग्रेस अल्पमत में आ गई है. कई दिन से चल रहे इस राजनीतिक संकट के बीच एनडीए सरकार ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने का फैसला किया.

इस मामले पर शाम को कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मिला. कांग्रेस सरकार के इस कदम को असंवैधानिक बता रही है.

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संसद से सड़क और कोर्ट में भी लड़ेंगे लड़ाई
कांग्रेस ने एनडीए सरकार के इस फैसले के खिलाफ संघर्ष करने का ऐलान किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी इस असंवैधानिक कदम के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक और कोर्ट में भी अपनी लड़ाई लड़ेगी.

कांग्रेस के इन आरोपों पर बीजेपी ने जमकर पलटवार किया है. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस इस मामले पर देश को गुमराह कर रही है.

इससे पहले, गृह मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश की स्थिति पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले. केंद्रीय कैबिनेट ने रविवार को ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी. इसके बाद से राज्य में सियासी संकट गहराया हुआ है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति किसी भी जल्दबाजी में नहीं हैं. वह कानूनी विशेषज्ञों से रायशुमारी के बाद ही कोई फैसला लेंगे.

कांग्रेस ने कहा- यह सब BJP की चाल

अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नारायणस्वामी ने कहा कि यह बीजेपी नेताओं की चाल है. उन्होंने गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू का नाम लिए बिना कहा कि इलाके से वरिष्ठ बीजेपी नेता कांग्रेस विधायकों को भड़काने का काम कर रहे हैं.

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CM ने कहा था- BJP के एजेंट हैं राज्यपाल
इससे पहले दिसंबर में गहराए सियासी संकट पर मुख्यमंत्री तुकी ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा बीजेपी एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्होंने ही सरकार गिराने के लिए कांग्रेस के विधायकों से बगावत कराई है.

क्या है अरुणाचल का सियासी संकट
दरअसल, अरुणाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार से उसके अपने कुछ विधायक बागी हो गए हैं. बीते 16-17 दिसंबर को ही उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर दिया था. हालांकि गुवाहाटी हाई कोर्ट ने होटल में बुलाए इस सत्र को ही रद्द कर दिया था.

यह है विधानसभा की स्थिति
अरुणाचल विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं. 2014 में हुए चुनाव में 42 सीटें कांग्रेस ने जीती थीं. बीजेपी को 11 और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (PPA) को पांच सीटें मिली थीं. बाद में पीपीए ने कांग्रेस में विलय कर लिया और उसके 47 विधायक हो गए. लेकिन अब लेकिन मुख्यमंत्री तुकी के पास सिर्फ 26 विधायकों का ही समर्थन है और सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 31 विधायकों का साथ चाहिए. दो सीटों पर निर्दलीय हैं.

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