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एसडीएम के आरोप पर शिंदे ने दिए जांच के आदेश

मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पत्र के बाद गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने जांच के आदेश दिए हैं. पीड़ित लड़की के बयान को दर्ज करने के मामले पर एसडीएम ने दिल्ली पुलिस के आला अफसरों के खिलाफ अपने डिप्टी कमिश्नर को चिट्ठी लिखी थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि इन अफसरों ने पीड़ित का बयान बदलवाने के लिए दबाव दिया.

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मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पत्र के बाद गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने जांच के आदेश दिए हैं.पीड़ित लड़की के बयान को दर्ज करने के मामले पर एसडीएम ने दिल्ली पुलिस के आला अफसरों के खिलाफ अपने डिप्टी कमिश्नर को चिट्ठी लिखी थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि इन अफसरों ने पीड़ित का बयान बदलवाने के लिए दबाव दिया.

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शीला दीक्षित ने इस बारे में गृह मंत्री को पत्र लिखा था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था और कहा था कि एसडीएम पहले भी बेवजह दिल्ली पुलिस पर बेवजह आरोप लगाती रही हैं. इसके बाद गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

उधर दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर सामूहिक बलात्कार की पीड़िता का बयान दर्ज करने में पुलिस के हस्तक्षेप के आरोपों का खंडन किया.

गैंगरेप पीड़ित अब भी वेंटिलेटर पर

गैंगरेप पीड़ित लड़की की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है. वो अब भी वेंटिलेटर पर है. हालांकि कल शाम डॉक्टरों ने बताया था कि वेंटीलेटर सपोर्ट कुछ कम किया गया है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक बीती देर रात पीड़ित की हालत बिगड़ गई थी, लेकिन सुबह होते होते हालत स्थिर हो गई है.

इस बीच प्लाज़्मा चढ़ाया गया है, जिससे प्लैटलेट काउंट 19 हजार से बढ़कर 81 हजार हो गया है. बॉडी टेंपरेचर 102 से ऊपर है ये भी एक चिंता की बात है. डॉक्टरों के मुताबिक ब्लीडिंग सेप्सिस की वजह से है. सेप्सिस में खून में गंभीर इन्फेक्शन का खतरा है जिसके चलते शरीर के अंग भी काम करना बंद कर सकते हैं.

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पीड़ित को हौसला देने के लिए उसके साथी की उससे मुलाकात कराई गई है. ये वही साथी है जो वारदात वक्त उसके साथ बस में मौजूद था, और जिसे हमलावरों ने रॉड से पीटकर बुरी तरह जख्मी कर दिया था.

कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत का रहस्य गहराया

उधर सुभाष तोमर मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से बयान जारी किया गया है. दिल्ली पुलिस के पीआरओं रंजन भगत ने कहा है कि सुभाष तोमर के शरीर पर चोट के निशान थे. हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर्फ मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा. जबकि आरएमएल के डॉक्टर सिद्धू ने कहा है कि कांस्टेबल सुभाष तोमर जब अस्पताल लाए गए तब उनके शरीर पर बाहरी या अंदरूनी चोट के निशान नहीं थे.

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