जेएनयू विवाद को लेकर रविवार को इलाहाबाद में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद जहां एक ओर यूनिवर्सिटी कैंपस से लेकर सियासी महकमे में सनसनी फैल गई है, वहीं गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंत्री के बयान को सही करार दिया है. प्रवक्ता ने कहा कि राजनाथ सिंह ने कैंपस में प्रदर्शन और नारेबाजी के पीछे आतंकी हाफिज सईद का हाथ होने की जो बात कही है वह खुफिया जानकारी पर आधारित है.
गृह मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया, 'जेएनयू विवाद में लश्कर लिंक और हाफिज सईद का हाथ होने संबंधी गृह मंत्री राजनाथ सिंह का बयान सुरक्षा एजेंसियों से मिले पुख्ता इनपुट पर आधारित है.'
गौरतलब है कि राजनाथ सिंह के इस बयान को जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने भी खारिज किया है. एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी विक्रमादित्य ने दोपहर बाद कहा कि यूनिवर्सिटी को आतंकी गढ़ या प्रदर्शन के पीछे आतंकी लिंक की बात गलत है. हालांकि उन्होंने गृह मंत्री के बयान पर सीधे तौर पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. जबकि सीएम नेता सीताराम येचुरी ने दो टूक लफ्जों में सिंह पर निशाना साधा.
नहीं चाहिए देशभक्ति का सबूत: येचुरी
बता दें कि राजनाथ सिंह ने इलाहाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'जेएनयू की घटना को लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद का समर्थन प्राप्त था.' उन्होंने कहा कि जेएनयू में जो हुआ, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था. गृह मंत्री ने एक बार फिर स्पष्ट शब्दों में कहा कि जेएनयू मामले में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, लेकिन निर्दोष लोगों को किसी तरह परेशान नहीं किया जाएगा. राजनाथ ने सभी राजनीतिक पार्टियों से भी अपील की है कि राष्ट्रभक्ति से जुड़ा हुआ कोई कहीं भी खड़ा होता है तो सभी को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीति करने वालों को भी लताड़ा.
कैंपस में हुई नारेबाजी में PAK का हाथ: शाहनवाज
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने इस मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगेंगे तो उसके पीछे पाकिस्तान का ही हाथ होगा. उन्होंने राहुल गांधी पर इस मामले के राजनीतिकरण का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'जेएनयू में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगेंगे तो हाथ पाकिस्तान का ही होगा. पाकिस्तान के पक्ष में बोलने पर कोई आवाज नहीं उठा रहा और राहुल गांधी इस पर राजनीति कर रहे हैं. क्या नक्सली भाषा की इजाजत दे देनी चाहिए. विचारों की अभिव्यक्ति का मतलब ये नहीं है कि देश विरोधी बातों की इजाजत दे दी जाए.'
उमर अब्दुल्ला ने मांगे सबूत
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जेएनयू में देशद्रोह को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के ताजा बयान पर निशाना साधा. अब्दुल्ला ने लगातार चार ट्वीट कर लिखा है कि राजनाथ सिंह ने जेएनयू में नारे लगाने वालों के सिर पर जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद का हाथ बताया है, यह गंभीर आरोप हैं. अगर उनके पास इसके सबूत हैं तो दिखाएं.
अपने ट्वीट में उमर अब्दुल्ला ने लिखा, 'गृहमंत्री की ओर से जेएनयू के प्रदर्शनकारी छात्रों पर बहुत गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसके सबूत सबके सामने पेश किए जाने चाहिए.' अब्दुल्ला ने चुनौती देते हुए कहा है कि राजनाथ सिंह को जेएनयू मामले से हाफिज सईद के कनेक्शंस के सबूतों के साथ जनता के बीच जाना चाहिए. अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है कि जेएनयू के छात्रों के सिर पर हाफिज सईद का हाथ बताए जाने से विवाद का स्तर बहुत नीचे चला गया है. एनडीए सरकार के लिए यह बहुत मुश्किल साबित होने वाला है.
That #HafizSaeed supported the #JNU protests is a very serious charge to level against the students. The evidence must be shared with all.
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) February 14, 2016
The Home Minister must go public with the evidence collected that enabled him to level this charge against the #JNU students #HafizSaeed
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) February 14, 2016
Cracking down on students & using #HafizSaeed to justify the crack down is a new low, even for this NDA government. #JNUCrackdown
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) February 14, 2016