गृह मंत्रालय ने केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की भर्ती में मुसलमानों की अनदेखी करने वाले आरोप पर सफाई दी है. मंत्रालय ने कहा है कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की भर्ती में धर्म कोई पैमाना नहीं है.
गृह मंत्रालय की यह सफाई एआईएमआईएम (AIMIM) के चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर मुसलमानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था. ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की थी कि वह बताएं कि कितने मुस्लिमों को केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों समेत अन्य क्षेत्रों में सरकारी नौकरियां मिली हैं.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'अर्द्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए धर्म पैमाना नहीं है. भर्ती प्रक्रिया में किसी धर्म के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.'
इससे पहले हैदराबाद में ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा था कि बीते चार साल में केंद्र के तहत आने वाले क्षेत्रों चाहे वे बैंक हों, रेलवे हो, केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल हों, उनमें कितने अल्पसंख्यकों को भर्ती किया गया है.
बता दें कि सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी , एसएसबी , एनएसजी और असम रायफल्स केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल हैं और ये गृह मंत्रालय के मातहत काम करते हैं. इनकी कुल क्षमता करीब 10 लाख है.