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10 साल में 21 हजार से अधिक विदेशियों को मिली नागरिकता, गृह मंत्रालय ने संसद में बताया

नागरिकता को लेकर देश के कई हिस्सों में हो रहे दंगल के बीच मोदी सरकार ने एक आंकड़ा जारी किया है. 2010 से अभी तक कितने शरणार्थियों को नागरिकता गई है उसकी जानकारी लोकसभा में दी गई.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिया गया जवाब (फोटो: अमित शाह, PTI)
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिया गया जवाब (फोटो: अमित शाह, PTI)

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  • केंद्रीय गृह मंत्रालय का लोकसभा में जवाब
  • 2010 से अभी तक 21 हजार को मिली नागरिकता
  • CAA के बाद से देश में मचा है बवाल

नागरिकता संशोधन एक्ट के मसले देशभर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच लोकसभा में इस मसले को उठाया गया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले 10 साल में 21 हजार विदेशियों को भारत की नागरिकता दी गई है. इन हजारों शरणार्थियों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक भी हैं.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब में पिछले दस सालों का ब्यौरा दिया. सरकार के जवाब के मुताबिक, 2010 से 2019 तक 21408 शरणार्थियों को नागरिकता दी गई है. इसमें 15 हजार बांग्लादेशी नागरिकों को भी नागरिकता मिली है.

जवाब में बताया गया है कि साल 2015 में भारत-बांग्लादेश के बीच हुए समझौते के बाद जब बांग्लादेश के 53 एन्क्लेव को भारत में शामिल किया गया था. तभी 14864 बांग्लादेशी नागरिकों को भारत की नागरिकता मिली थी. संसद में दिए गए सरकार के जवाब के मुताबिक, मोदी सरकार आने के बाद से शरणार्थियों को नागरिकता देने की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

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whatsapp-image-2020-02-04-at-14_020520013616.jpegगृह मंत्रालय ने जारी किया ये आंकड़ा

साल 2015 में भारत और बांग्लादेश के बीच लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट हुआ था. जिसके बाद नागरिकता एक्ट 1955 के सेक्शन 7 के मुताबिक इन्हें नागरिकता दी गई थी. हालांकि, इन हजारों में किस-किस धर्म के लोग शामिल हैं उसका जिक्र नहीं किया गया है.

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नागरिकता संशोधन एक्ट पर मचा है बवाल

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन एक्ट के पास होने के बाद से ही विपक्ष मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है और इसे धर्म के आधार पर बंटवारे की नींव बता रहा है.

नए कानून के मुताबिक, पाकिस्तान-बांग्लादेश-अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. 31 दिसंबर, 2014 से पहले जो भी शरणार्थी भारत आए और उन्हें 6 वर्ष से अधिक हो गया तो उन्हें तुरंत इस एक्ट के तहत नागरिकता मिल जाएगी.

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