मॉब लिंचिंग और गाय के नाम पर हिंसक घटनाओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में गृह मंत्रालय ने सभी सरकारों से लिंचिंग की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है.
इससे पहले सोमवार (24 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर चिंता जाहिर करते हुए राज्यों को एक हफ्ते के अंदर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. कोर्ट ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वे गोरक्षा के नाम पर हिंसा और भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं पर अंकुश के लिए दिए गए निर्देशों पर अमल करें. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में ये भी कहा कि था लोगों को इस बात का एहसास होना चाहिए कि लिंचिंग जैसी घटनाओं पर उन्हें कानून की सख्ती का सामना करना पड़ेगा.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 जुलाई को दिए अपने फैसले में स्वंयभू गो रक्षकों की हिंसा और भीड़ द्वारा लोगों को पीट कर मार डालने की घटनाओं से सख्ती से निबटने के बारे में निर्देश दिए थे.
पीठ ने अपने निर्देशों पर अमल के लिए केन्द्र सरकार से भी जवाब मांगा था. कोर्ट ने कहा था कि केन्द्र और सभी राज्यों को टेलीविजन, रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिंट मीडिया के माध्यम से गो रक्षा के नाम पर हत्या और भीड़ द्वारा लोगों की हत्या के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाए.
कोर्ट के इन निर्देशों पर राज्यों को अमल करना था और रिपोर्ट भी दाखिल करनी थी. लेकिन अभी तक मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिज़ोरम, तेलंगाना, नगालैंड, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु ने ही रिपोर्ट दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर लचर रवैया देखने के बाद अब केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को मॉब लिंचिंग से जुड़ी घटनाओं पर कोर्ट के निर्देशानुसार काम करने के लिए एडवाइजरी जारी की है.