विवादों में घिरे मुस्लिम धर्म प्रचारक और उपदेशक जाकिर नाइक की मुसीबतें और बढ़ने वाली है. खबर है कि जाकिर नाइक की दो एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) और आईआरएफ एजुकेशनल ट्रस्ट के विदेशी फंड की जांच की जाएगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, जाकिर की एनजीओ के विदेशी चंदे की जांच फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट 2010 (एफसीआरए) के तहत की जाएगी. गृह मंत्रालय इस बात की जांच कर रहा है कि आईआरएफ और आईआरएफ एजुकेशनल ट्रस्ट ने एफसीआरए का उल्लंघन तो नहीं किया.
जाकिर नाइक की इन दोनों एनजीओ का रजिस्ट्रेशन एजुकेशनल एनजीओ के तौर पर एफसीआरए में है, लेकिन इन एनजीओ को धार्मिक गतिविधियां चलाने के लिए भी विदेशी फंड मिला है. सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में कानूनी पहलुओं पर विचार चल रहा है.
एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस हो सकते हैं कैंसिल
एक अधिकारी ने बताया, 'हम पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि एजुकेशनल एनजीओ को धार्मिक गतिविधियों के लिए फंड मिला है, तभी आईआरएफ और आईआरएफ एजुकेशनल ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस
कैंसिल करने का मजबूत आधार बनेगा.'
मुंबई लौटने को तैयार नहीं जाकिर
आईआरएफ एजुकेशनल ट्रस्ट मुंबई में इस्लामिक इंटरनेशनल स्कूल चलाता है. नाइक सऊदी अरब और दूसरे गल्फ देशों में बहुत मशहूर है. उसे वहां का रेजिडेंट वीजा मिला हुआ है. उसका आने वाले वक्त में मुंबई लौटने
का भी कोई प्लान नहीं है.