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चीन सीमा पर तैनात 'हिमवीरों' को 15 मई तक मिलेगा आधुनिक आशियाना

गृह मंत्रालय लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर 15 हजार 5 सौ फीट की ऊंचाई पर जवानों को रहने की बेहतर सुविधा देने के लिए इको फ्रेंडली सीमा चौकी (बीओपी) 15 मई तक बनाकर तैयार कर लेगा.

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आईटीबीपी जवान (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आईटीबीपी जवान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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गृह मंत्रालय लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर 15 हजार 5 सौ फीट की ऊंचाई पर जवानों को रहने की बेहतर सुविधा देने के लिए इको फ्रेंडली सीमा चौकी (बीओपी) 15 मई तक बनाकर तैयार कर लेगा. उसके बाद चीन सीमा पर तैनात लुकुंग में पहली आधुनिक बीओपी जवानों को सौंप दिया जाएगा. यहां पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में माइनस 45 डिग्री तक तापमान रहता है. जिसके चलते जवानों को काफी कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है.

IIT रुड़की ने बन रहे इस बीओपी का स्टैंडर्ड क्वालिटी चेक करके अपनी रिपोर्ट भी दे चुका है. आपको बता दें कि पूरी तरह से सोलर सिस्टम से चलने वाले बीओपी के अंदर का तापमान 20 से 22 डिग्री होगा. इससे जवान और मुस्तैदी से काम कर सकेंगे. आईटीबीपी के जवानों को ठंड से राहत दिलाने के लिए पहली बीओपी का निर्माण चीन से सटी सीमा लुकुंग में 15500 फीट की ऊंचाई पर किया जा रहा है. सरकार की ऐसे और 65 बीओपी के निर्माण करने की योजना है. 17 करोड़ की लागत से बनाये गए इस बीओपी को आधुनिक तकनीकों से बनाया गया है.

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गृहमंत्री के दौरे के बाद लिया गया था फैसला
15,500 फीट की ऊंचाईयों पर ITBP को अभी तक इस तरह की सुविधाएं नहीं मिली थीं. 2015 में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इन दुर्गम इलाकों का दौरा किया था. और यहां पर गृह मंत्री थाकुंग के एक कमरे में रुके थे. इसके बाद राजनाथ सिंह ने जवानों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बजट देने का आश्वासन दिया था.

आईआईटी रुड़की ने तैयार किया डिजाइन
सभी 65 बीओपी के निर्माण पर करीब 1105 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है. इसका डिजाइन आईआईटी रुड़की ने तैयार किया है. एक बीओपी में 100 जवानों के ठहरने की व्यवस्था है. इसमें मेस, शौचालय, मेडिकल रूम, वरिष्ठ अधिकारियों के लिए अलग से रूम की व्यवस्था है. इस क्षेत्र में जवानों के लिए एसयूवी श्रेणी की टोयोटा फॉर्च्यूनर या महिंद्रा स्कॉर्पियो जैसी गाड़ियां पहले ही मुहैया कराई जा चुकी हैं.

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