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शिवानंद तिवारी बोले- समलैंगिकता का महाभारत में भी जिक्र

हाल के दिनों में कई ऐतिहासिक फैसले देकर पूरी व्यवस्था को झकझोर कर रख देने वाले सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है. समलैंगिक संबंध को गैरकानूनी ठहराने वाले फैसले का राजनीतिक हल्कों से लेकर आमलोग द्वारा विरोध किया जा रहा है.

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जेडीयू सासंद शिवानंद तिवारी
जेडीयू सासंद शिवानंद तिवारी

हाल के दिनों में कई ऐतिहासिक फैसले देकर पूरी व्यवस्था को झकझोर कर रख देने वाले सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है. समलैंगिक संबंध को गैरकानूनी ठहराने वाले फैसले का राजनीतिक हल्कों से लेकर आमलोग द्वारा विरोध किया जा रहा है.

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कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा कि समलैंगिकता तो आदिकाल से चला आ रहा है. इसे नजरअंदाज करना गलत होगा. महाभारत में भी इसकी चर्चा थी. जब पांडवों को अज्ञातवास मिला तो इस दौरान अर्जुन पुरुष होने के बावजूद महिला की वेशभूषा में उत्तरा को नृत्य सिखाते थे. वहीं कांग्रेस सांसद मणिशंकर अय्यर ने कहा, 'हर इंसान के साथ बराबरी का व्यवहार होना चाहिए चाहे वह समलैंगिक ही क्यों न हो.'

शिवानंद तिवारीः सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से हम सहमत नहीं है. दिल्ली हाईकोर्ट का 2009 का फैसला सही था. सदियों से ये सिलसिला चला आ रहा है. इसे नजरअंदाज करना गलत होगा. महाभारत में भी इसकी चर्चा है. जब पांडवों को अज्ञातवास मिला था तो उस दौरान अर्जुन भी महिलाओं की तरह तैयार होकर उत्तरा को नृत्य सिखाते थे. ये आदिकाल से चला आ रहा है. इसे नहीं कबूल करना नादानी है. दुनिया के अन्य देशों में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मंजूरी मिली है. सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.

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मणिशंकर अय्यर, कांग्रेस सांसदः हर इंसान के साथ बराबरी का व्यवहार होना चाहिए चाहे वह समलैंगिक ही क्यों न हो. इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए.

डैरेक ओ ब्रायन, तृणमूल सांसदः सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से हताश हूं. सुप्रीम कोर्ट यूं तो लाल बत्ती और अन्य मुद्दों पर अच्छे फैसले देता है पर....

बलबीर पुंज, बीजेपी नेताः सुप्रीम कोर्ट ने कानून बदलने का फैसला संसद पर छोड़ दिया है. सही वक्त आने पर संसद इस मुद्दे का संज्ञान लेगा.

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