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हनीप्रीत केस: कोर्ट में सरकारी वकील की बहस और 'बाबा की बेटी' की सफाई, पढ़िए यहां

देशद्रोह के मुद्दे पर सरकारी वकील ने कहा, "ये एप्रोप्रिएट स्टेज नहीं है ये कहने का कि देशद्रोह का मामला बनता है कि नहीं क्योंकि बहस इस मामले पर नहीं थी. बहस केवल पुलिस रिमांड पर थी कि पुलिस रिमांड देना बनता है कि नहीं बनता है."

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हनीप्रीत (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हनीप्रीत (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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देशद्रोह और हिंसा भड़काने की आरोपी हनीप्रीत को गिरफ्तार करने के बाद हरियाणा पुलिस आज उसे पंचकूला कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उसे 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. कोर्ट में हनीप्रीत की ओर से वकीलों की पूरी एक टीम थी जिसे लीड कर रहे थे सीनियर एडवोकेट एस. के. गर्ग जबकि सरकार का पक्ष रखने के लिए कोर्ट में मौजूद थे सरकारी वकील पंकज गर्ग. 'आज तक' की टीम ने इस महत्वपूर्ण जिरह में शामिल हुए तमाम वकीलों से बात कर जानने की कोशिश की कि बुधवार को कोर्ट में क्या-क्या हुआ और वकीलों ने क्या दलीलें पेश कीं.

हनीप्रीत के वकील ने बताया- बाहर ले जाने के लिए दी गई 6 दिन की रिमांड

एस. के. गर्ग ने बताया, पुलिस ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी हमने उसका विरोध किया जिसके बाद कोर्ट ने सिर्फ 6 दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की. डिस्कशन में ये बात सामने आई और हमने कोर्ट को कन्विंस किया कि एफआईआर के अंदर कांस्प्रेसी केवल 25 अगस्त की है. कंपलेनेट ने एफआईआर में जिक्र किया है कि हनीप्रीत को उस दिन कांस्प्रेसी करते सुना जबकि हनीप्रीत वहां मौजूद नहीं थी. उसके बाद पुलिस ने कोर्ट में कहा कि हनीप्रीत ने 17 अगस्त को कांस्प्रेसी की थी उसके बेस पर हम उसे एक्यूज्ड बना रहे हैं. अब सवाल उठता है कि जब हनीप्रीत 25 अगस्त की कांस्प्रेसी में शामिल थी तो उसे 17 अगस्त की कांस्प्रेसी में मुलजिम कैसे बना सकते हैं.

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पुलिस रिमांड पर बोलते हुए हनीप्रीत के वकील ने कहा, "6 दिन की पुलिस रिमांड दूसरे राज्यों में जा-जा कर मुलजिमों की तफशीश करनी है इसलिए दी गई."

जब उनसे पूछा गया कि हनीप्रीत ने अपनी सफाई में कोर्ट में क्या कहा तो उन्होंने बताया, "हनीप्रीत ने कहा कि मैं निर्दोष हूं, मुझे जबरदस्ती फ्रेम किया जा रहा है." हनीप्रीत की 38 दिन की फरारी की बात पर वकील ने कहा कि, "कोई भी शरीफ आदमी बचने की कोशिश करेगा ही. इसीलिए उसने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी."

देशद्रोह के आरोप पर बोलते हुए वकील ने कहा, "देशद्रोह का प्वाइंट तो बहुत ही सीरियस है. कोर्ट को बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में उग्रवादियों को पकड़ने पुलिस, आर्मी जाती है तब उन पर वहां के लोग पत्थर फेंकते हैं तब तो उनपर देशद्रोह लगाया नहीं जाता और यहां पर तो 50 व्यक्ति मर गए लेकिन किसी पुलिस बल को चोट नहीं आई, कोई वैपन रिकवर नहीं हुए, कुछ लोगों के पास डंडे के अलावा कुछ नहीं था. फिर कैसा देशद्रोह."

सरकारी वकील ने कहा, बहस केवल पुलिस रिमांड पर थी देशद्रोह पर नहीं

सरकारी वकील पंकज गर्ग ने आज तक को बताया, "हमने आज सीजीएम कोर्ट में हनीप्रीत और सुखदीप कौर को पेश किया और हमने दोनों मुलजिमों के लिए 14 दिन की रिमांड की मांग की थी. तथ्य ये थे कि जो अब तक की इंवेस्टीगेशन में सामने आया उसी के बेसिस पर हमने दोनों के लिए 14-14 दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी. लेकिन दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों के लिए 6-6 दिन की पुलिस रिमांड मंजूर कर दी."

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हनीप्रीत के साथ गिरफ्तार हुई सुखदीप कौर की इंवाल्वमेंट पर बता करते हुए सरकारी वकील ने बताया, "वह हनीप्रीत के साथ ही अरेस्ट हुई है. अब ये बात तो इंवेस्टीगेशन में सामने आएगी कि इसका क्या-क्या इंवाल्वमेंट है. इंवेस्टीगेशन तो अभी शुरू हुई है."

देशद्रोह के मुद्दे पर सरकारी वकील ने कहा, "ये एप्रोप्रिएट स्टेज नहीं है ये कहने का कि देशद्रोह का मामला बनता है कि नहीं क्योंकि बहस इस मामले पर नहीं थी. बहस केवल पुलिस रिमांड पर थी कि पुलिस रिमांड देना बनता है कि नहीं बनता है."

कोर्ट में हाथ जोड़े खड़ी थी हनीप्रीत, आंखों में थे आंसू

कोर्ट में क्या-क्या हुआ यह बताते हुए ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट और वकील मोमन मलिक ने आज तक को बताया, "पुलिस ने रिमांड पेपर कोर्ट में सबमिट किया उसी पर वकीलों की जिरह हुई. डेरा की तरफ से वकील आए थे वो भी पेश हुए, दिल्ली से आए वकील जिन्होंने हाईकोर्ट में पिटीशन लगाई थी, वो भी पेश हुए, ह्यूमन राइट्स की तरफ से मैंने अपनी बातें कोर्ट के सामने रखीं. पुलिस की तरफ से दलील दी गई कि हनीप्रीत ने बहुत ही कॉन्स्प्रेसी की है. 20 तारीख से पहले डेरा के अंदर 17 तारीख को एक मीटिंग हुई है. और उसके अंदर ही कांस्प्रेसी रची गई. लेकिन हनीप्रीत ने इस बात से इंकार किया. हनीप्रीत ने हाथ जोड़कर कोर्ट से कहा कि मैं इस मामले में बिलकुल बेकसूर हूं. इस दौरान उनकी आंखों में आंसू भी थे. बचाव पक्ष के वकील ने भी डिफेंस रखा कि बाबा रहीम सजा होने के बाद पुलिस कस्टडी में थे. इस दौरान हनीप्रीत बाबा राम रहीम के साथ थी. तो ऐसे में जब हनीप्रीत बाबा राम रहीम के साथ थी और वो मीडिया से बचाकर जेल ले जा रही थी तो उसने कांस्प्रेसी कब की."

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पुलिस का बयान और स्टेटमेंट विरोधाभासी

डेरा की तरफ से कई वकील पेश हुए थे उसी टीम के कुछ सदस्यों से आजतक ने बातचीत की. उन्होंने कहा, "पहले हनीप्रीत को कोर्ट में पेश किया उसके बाद सरकारी वकील ने अपनी दलीलें रखीं फिर हमने अपनी बात रखी. उन्होंने 14 दिन की रिमांड की मांग रखी. और कहा कि हमें मोबाइल रिकवर करना है. हमें हनीप्रीत को कई जगह लेकर जाना है लेकिन उसका कोई ग्राउंड नहीं रखा. उसके बाद वकील गर्ग ने अपनी बातें रखी. उन्होंने कहा कि पुलिस का बयान और स्टेटमेंट विरोधाभासी हैं."

हनीप्रीत के एक अन्य वकील के मुताबिक हनीप्रीत ने अपनी बेगुनाही में कहा कि मैं टेंशन में थी इसलिए सामने नहीं आई. उनके और पिता जी के रिश्तों पर कही गई बातों से डिप्रेशन में चली गई थी.

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