‘ऑनर किलिंग’ को समाज के लिए एक बड़ा खतरा बताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के.जी. बालाकृष्णन ने शुक्रवार को कहा कि इस तरह के आपराधिक मामलों में जांच पड़ताल के लिए पुलिस की प्रभावी जांच पड़ताल जरूरी है.
उन्होंने कोच्चि में एक संगोष्ठी से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘ऑनर किलिंग की घटनाएं चौंकाने वाली हैं और समाज के लिए बड़ा खतरा हैं. हालांकि इससे निपटने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त हैं लेकिन ऐसे मामलों में पुलिस की प्रभावी जांच पड़ताल जरूरी है. आयोग इसके खिलाफ केवल जागरुकता पैदा कर सकता है. कुछ ही मामले खबरों में आ पाते हैं.’ चरमपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस की छापामारी में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर आयोग के समक्ष दर्ज एक शिकायत के बारे में पूछे जाने पर बालाकृष्णन ने कहा कि उन्हें इस सिलसिले में पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट का इंतजार है. उन्होंने कहा, ‘दो हफ्ते का समय दिया गया है और यह सामान्य प्रक्रिया है.’
उल्लेखनीय है कि चरमपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने एक व्याख्याता का दाहिना हाथ कथित रूप से इसलिए काट दिया था क्योंकि उसने एक कथित अपमानसूचक प्रश्नपत्र तैयार किया था. बालाकृष्णन ने कहा कि केरल से हर हफ्ते शिकायतें मिलती हैं लेकिन उनमें से ज्यादातर शिकायतें मानवाधिकार हनन की श्रेणी में नहीं आती हैं.