देश भर में आनर किलिंग के मामलों में आयी तेजी के मद्देनजर सरकार ने गुरुवार को एक मंत्रिसमूह बनाने का फैसला किया, जो ऐसे मामलों से कडाई से निपटने के लिए कानून में संशोधनों पर विचार करेगा. सरकार ने कहा कि इस आशय का एक विधेयक संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा.
सूचना-प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार संसद के मानसून सत्र में संशोधन विधेयक लाना चाहती है. अंबिका ने कहा कि आनर किलिंग के मामलों से निपटने के लिए कानून में संशोधन सुझाने के लिए मंत्रिसमूह के गठन के अलावा राज्यों से भी भारतीय दंड संहिता और अपराध प्रक्रिया संहिता में प्रस्तावित संशोधनों के बारे में राय ली जाएगी.
उन्होंने कहा कि तथाकथित ऑनर किलिंग को कानून के दायरे में लाना ही होगा. केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि मानसून सत्र समाप्त होने से पहले ही इस बारे में सलाह मशविरे की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
संशोधनों में ऑनर किलिंग को हत्या की परिभाषा के दायरे में लाने का प्रस्ताव है. इसके लिए आईपीसी में संशोधन किया जाएगा. भारतीय साक्ष्य कानून में संशोधन का भी प्रस्ताव है, जिसमें प्रावधान होगा कि आनर किलिंग के मामले में खाप पंचायतों को अपने निर्दोष होने का सबूत देना होगा.