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चीन को उम्‍मीद, कृष्णा की यात्रा से संबंध मजूबत होंगे

भारत और चीन के राजनयिक संबंध स्थापित होने की 60वीं वषर्गांठ मनाये जाने के बीच बीजिंग ने गुरुवार को कहा कि दोनों पक्षों ने व्यापक सामरिक भागीदारी को विकसित करने पर काफी जोर दिया है तथा उम्मीद जतायी कि अगले हफ्ते विदेश मंत्री एस एम कृष्ण की चीन यात्रा से इसे और मजबूती मिलेगी.

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भारत और चीन के राजनयिक संबंध स्थापित होने की 60वीं वषर्गांठ मनाये जाने के बीच बीजिंग ने गुरुवार को कहा कि दोनों पक्षों ने व्यापक सामरिक भागीदारी को विकसित करने पर काफी जोर दिया है तथा उम्मीद जतायी कि अगले हफ्ते विदेश मंत्री एस एम कृष्ण की चीन यात्रा से इसे और मजबूती मिलेगी.

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चीन के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता किन गांग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दोनों देशों ने पिछले छह दशकों में महत्वपूर्ण प्रगति की है तथा द्विपक्षीय संबंधों को खासी गति प्रदान की. उन्होंने कहा, ‘चीन और भारत महत्वपूर्ण मित्र पड़ोसी देश हैं तथा दोनों ही उभरते हुए विकासशील देश हैं.’

साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों के पड़ोसी संबंधों, लाभदायक सहयोग और साझा विकास से न केवल दोनों देशों के हित पूरे हो रहे हैं बल्कि इससे प्रमुख वैश्विक मुद्दों से निपटने में मदद मिल रही है और विश्व की शांति, स्थिरता और विकास को योगदान मिल रहा है. किन ने यह टिप्पणी इस सवाल के जवाब में की कि चीन भारत के साथ राजनयिक संबंध स्थापित होने के 60 वर्षों को किस प्रकार से देखता है और वह कृष्णा की आगामी यात्रा को कितना महत्व देता है.

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विदेश मंत्री चार दिवसीय यात्रा पर पांच अप्रैल को बीजिंग आयेंगे. इस दौरान वह राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरा होने के अवसर पर होने वाले समारोह की शुरूआत करेंगे. चीन के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता किन ने कहा कि दोनों पक्षों ने ‘समग्र सामरिक भागीदारी विकसित करने पर खासा जोर दिया है. चीन और भारत के बीच हजारों वर्ष की मित्रता है. हमें उम्मीद है कि दोनों देश इस पुरानी मित्रता को आगे बढ़ायेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘पिछले सालों में द्विपक्षीय संबंधों में अच्छी गति आयी तथा तेज एवं समग्र विकास हुआ.’ साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने सहयोग की सामरिक भागीदारी कायम की है ताकि विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर 21वीं शताब्दी के मुद्दों का सामना किया जा सके. प्रवक्ता ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे के मामले में हमने एक राजनीतिक मापदंड पर सहमति हासिल कर ली है.’

इन सब बातों को दिमाग में रखते हुए चीन कृष्णा की आगामी यात्रा को काफी महत्व दे रहा है. कृष्णा अपनी यात्रा के दौरान चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ और विदेश मंत्री यांग जियेची से मुलाकात करेंगे. किन ने कहा, ‘हम मानते हैं कि दोनों देश अवसर का इस्तेमाल संवाद और वार्ता को मजबूत बनाने और सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए करेंगे.’

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