दिन में सुनसान और शांत...लेकिन रात में पूरी तरह गुलजार...ये नजारा है एक मीट फैक्ट्री का...दिल्ली से सटे इलाके में स्थित इस फैक्ट्री में अंधेरा होते ही गतिविधियां परवान चढ़ने लगती हैं.
गाजियाबाद जिले के डासना में स्थित अल नसीर बूचड़खाना को दिन में कोई देखे तो लगता है कि इस पर मीट कारोबार संबंधी योगी सरकार के सख्त नियमों का बुरा असर पड़ा है.
बेतरतीबी से फैला भैंसों का ये बूचड़खाना कथित तौर पर निर्माण संबंधी नियमों के उल्लंघन के लिए भी रडार पर है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की ओर से इस बूचड़खाने के 'बिल्डिंग प्लान' और 'लैंड यूज' को लेकर कई आपत्तियां पहले ही दर्ज कराई जा चुकी हैं.
संभावित दंडात्मक कार्रवाईयों को ताक पर रख अल नसीर बूचड़खाना अंधेरा छाते ही अपने रंग में आ जाता है. रात के घने अंधेरे में ये बूचड़खाना दहशत के ऐसे किले में तब्दील में हो जाता है, जहां भैंसों और उनके बछड़ों का बर्बर तरीके से वध किया जाता है.
इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर आधी रात के बाद अल नसीर बूचड़खाने के परिसर में पहुंचे तो इनके छुपे कैमरों ने ऐसे भयानक दृश्य कैद किए जिन्हें देखकर कोई भी विचलित हो सकता है. यहां जमीन पर सैकड़ों भैंसें और उनके बछड़े खून से लथपथ फर्श पर बिछे थे. उनके गले तलवारों से कटे हुए थे.
जो भैंस और बछड़े जीवित थे, उन्हें भी अपने क्रूर अंत का शायद पूरा अहसास था. पशुओं पर क्रूरता विरोधी तमाम कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए एक के बाद एक उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा था. लहू से सने अगर कोई पशु पहले प्रहार में जीवित बचे भी रहे तो उनकी जरा सी हलचल देख तलवार लिए बूचड़ फिर उन पर पूरी ताकत से वार कर रहे थे.
बछड़े भागने की कोशिश भी करते लेकिन बेकार. उन्हें पैरों से खींच कर गर्दन से काटा जा रहा था. देश का क्रूरता विरोधी कानून गर्भावस्था वाले पशुओं या उनके तीन महीने की उम्र से कम के बछड़ों के वध की इजाजत नहीं देता.
कानून में ये भी प्रावधान है कि किसी भी पशु को बूचड़खाने में दूसरे पशुओं की मौजूदगी में नहीं काटा जाएगा. लेकिन इंडिया टुडे की इंवेस्टीगेशन टीम ने अल नसीर एक्सपोर्ट्स के बूचड़खाने में तमाम नियमों की धज्जियां उड़ने को रिकॉर्ड किया. ये कंपनी अपनी वेबसाइट पर खुद को फ्रोजन हलाल, भैंस मीट के लिए 'ग्लोबल लीडर' बताती है.
कंपनी की ओर से पशु वध संबंधी अंतरराष्ट्रीय मानकों के पालन और क्वालिटी कंट्रोल को लेकर भी लंबे चौड़े दावे किए गए हैं. लेकिन इंडिया टुडे की जांच में बूचड़खाने में कई नियमों का उल्लंघन होते पाया गया.
प्लास्टिक पैकेजिंग से लिपटे अल नसीर के मीट उत्पाद उससे बिल्कुल अलग नजर आते हैं, जो इंडिया टुडे की जांच टीम ने मीट फैक्ट्री के बंद दरवाजों के अंदर और आसपास पाया. बूचड़खाने के पास स्थित नाले से आ रही भीषण दुर्गंध ही पशुओं के अंगों और खून से होने वाले प्रदूषण की गवाही दे रही थी.
अल नसीर के निदेशक मोहम्मद सलीम कुरैशी से बूचड़खाने में नियमों के उल्लंघन पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सपाट शब्दों में इससे इनकार कर दिया. कुरैशी ने कहा, हमारे पास सभी दस्तावेज और लाइसेंस हैं.
रिपोर्टर ने सवाल किया- 'ऐसे जानवरों को वध के लिए आप कहां से लाते हैं जबकि उनकी बिक्री पर प्रतिबंध हैं.' इस पर कुरैशी ने जवाब दिया- 'नया केंद्रीय कानून अभी पूरी तरह अमल में नहीं आया है. हमारी एसोसिएशन सरकार के साथ बात कर रही है. अभी तक वध नियमित तौर पर हो रहा है.'
पशु संबंधी कारोबार बड़ा हो या छोटा, हर जगह क्रूरता विरोधी कानून का उल्लंघन होता दिखा. इंडिया टुडे की जांच टीम अमरोहा पहुंची तो वहां एक ट्रक वैगन में जीवित पशुओं को ठूसे हुए देखा. इस वैगन को चोरी छिपे एक छोटे बूचड़खाने में ले जाया जा रहा था. घरों या दुकानों में गैर कानूनी ढंग से चलने वाले ऐसे कई छोटे बूचड़खाने उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं.
जांच टीम एक ऐसे ही घर में पहुंची जो बूचड़खाने में तब्दील हो रखा था. यहां मौके पर भी वध कर भैंस के मीट को बिक्री के लिए तैयार किया जा रहा था. इस छोटे बूचड़खाने के मालिक आरिफ ने कहा, 'मीट को तुलवा लो, हम रात को इसे आप के लिए वध करेंगे. 140 रुपए किलो के हिसाब से मीट मिलेगा.' इसके बाद आरिफ ने एक भैंस को खोला और घर से बाहर निकाल कर एक ट्रक पर चढ़ा दिया.
अमरोहा के कुछ हिस्सों में जीर्ण-शीर्ण मीट दुकानों में भैसों के कटे और खाल उतरे कंकाल लटके देखे गए. अंडर कवर रिपोर्टर से आरिफ ने कहा, 'मेरे पास यहां जो है वो 5 नर भैंसों का मीट है. अगर हमारी डील फाइनल होती है तो मैं बाजार से और पशु ले आऊंगा. ये 150 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलेगा.'
ऐतिहासिक शहर आगरा की घुमावदार गलियों में इंडिया टुडे के रिपोर्टर्स को चांद नाम का भैंस मीट सप्लायर मिला. चांद ने खुद को बूचड़ भी बताया. रिपोर्टर ने चांद से पूछा- क्या आज ही पशुओं को काटा जाएगा? चांद ने कहा, 'हां 5 से 6 भैंसों को आज हमारे घर में काटा जाएगा.'
मीट कारोबार में बिचौलिए का रोल निभाने वाले जहीर-उद-दीन ने भी अंडर कवर रिपोर्टर को प्रतिबंधित मीट की गारंटीशुदा आपूर्ति का वादा किया. आगरा के सदर बाजार में रहने वाले जहीर-उद-दीन ने ये भी बताया कि वो कैसे इंतजाम करेगा. उसने बताया कि वो अपने घर में ही पशु वध करेगा.
जमशेद खान/सुशांत पाठक/सैयद मसरूर हसन/मो. हिजबुल्लाह (आशुतोष मिश्रा के इनपुट्स के साथ)