मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के सत्ता छोड़ने की मांग करते हुए भी हजारों प्रदर्शनकारी काहिरा की सड़कों पर नजर आए. इस बीच सेना ने भी मुबारक की मुश्किलें बढ़ाते हुए कहा है कि वह प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी नहीं करेगी.
चौतरफा दबाव के बीच मुबारक ने विपक्षी समूहों से ‘तत्काल वार्ता’ की पेशकश की है. प्रदर्शनों का मुख्य गवाह बन रहे तहरीर स्क्वेयर पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों के एकत्र होने के बीच मुबारक ने यह पेशकश की है.
नव नियुक्त उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान ने सरकारी टेलीविजन पर कहा, ‘राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने मुझे राजनीतिक बलों से तुरंत वार्ता शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी है ताकि संवैधानिक और विधायी सुधारों से जुड़े मसलों पर खुली बातचीत हो सके.’ अल अरबिया चैनल ने अपनी रिपोर्ट में सुलेमान के हवाले से बताया है कि अपीली अदालतों के फैसलों को लागू करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. सुलेमान ने यह भी कहा कि सरकार बेरोजगारी, गरीबी , भ्रष्टाचार से लड़ने और मजदूरी तथा कीमतों के बीच संतुलन कायम करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द कदम उठाएगी.
राजधानी काहिरा के व्यस्त इलाकों में सेना तथा सशस्त्र वाहनों की भारी मौजूदगी के बीच प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां उठाए हुए हैं जिन पर लिखा है ‘मुबारक सत्ता छोड़ो’, ‘मुबारक का खेल खत्म’. जनभावनाओं के सैलाब को देखते हुए सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आज के सरकार विरोधी प्रदर्शनों को नहीं कुचलेगी . उसने कहा है कि जनता की मांगें ‘जायज’ हैं.{mospagebreak}
सेना ने सरकारी टेलीविजन पर एक बयान में कहा, ‘मिस्र की महान जनता के नाम, आपकी सशस्त्र सेना जनता के जायज अधिकारों को मान्यता देती है. मिस्र की जनता के खिलाफ न बल प्रयोग किया है और न करेंगे.’ सेना के बयान में कहा गया है, ‘आपकी सशस्त्र सेनाएं, जो आपकी जायज मांगों के बारे में जागरूक हैं और जिसे राष्ट्र की रक्षा की जिम्मेदारी निभाने को कहा गया है, वह इस बात की पुष्टि करती है कि शांतिपूर्ण माध्यम से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर किसी का अधिकार है.’ अपने 30 साल के शासन में पहली बार गंभीर चुनौती का सामना कर रहे मुबारक ने बीती रात मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए अपने सर्वाधिक अलोकप्रिय गृह मंत्री को पद से हटा दिया और विपक्षी समूहों को शांत करने के लिए एक नए खुफिया प्रमुख की नियुक्ति की.
इस बीच, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद अलबरदई ने मुबारक से देश छोड़ने की अपील करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में सेना जनता के साथ आ जाएगी. ब्रिटेन के समाचार पत्र ‘द इंडिपेंडेंट’ को दिए साक्षात्कार में अलबरदई ने कहा, ‘काहिरा की सड़कों पर एक आवाज सुनी जा सकती है कि मुबारक को बाहर न जाने दिया जाए, बल्कि उनके खिलाफ वहां मुकदमा चलाया जाना चाहिए.’ बीते कुछ दिनों से हो रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान अलबरदई एक बड़ी शख्सियत के रूप में उभरे हैं. उन्होंने कहा, ‘अब यह कुछ घंटों या दिनों की बात है. मुबारक के सत्ता में बने रहने का कोई सवाल नहीं है.’
काहिरा से अपने नागरिकों और अधिकारियों को निकालने की प्रक्रिया शुरू करने के बाद अमेरिका ने आज मिस्र में व्यवस्थित तरीके से सत्ता के हस्तांतरण पर जोर दिया और अरब देश में नेता के चयन की प्रक्रिया में कोई भूमिका निभाने से इंकार कर दिया.{mospagebreak} अमेरिका ने पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से अपने सहयोगी रहे मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को पद छोड़ने के लिए जोर नहीं दिया लेकिन यह स्पष्ट किया कि देश भर में बढ़ते लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों को देखते हुए उनके द्वारा उठाए गए कदम संतोषजनक नहीं हैं.
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव रॉबर्ट गिब्स ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘मैं मानता हूं कि व्यवस्थित तरीके से हस्तांतरण का मतलब बदलाव से है और हम शुरू से ही कह रहे हैं कि मिस्र जिस तरीके से चल रहा है, उस तरीके को बदलना चाहिए.’ संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के प्रमुख ने विरोध प्रदर्शनो की सराहना करते हुए कहा कि मिस्र की व्यवस्था में परिवर्तन जरूरी है क्योंकि लोगों की यह मांग है.
मानवाधिकार उच्चायुक्त नावी पिल्लै ने कहा, ‘पूरी दुनिया देख रही है कि परिवर्तन के लिए जारी प्रदर्शनों पर राष्ट्रपति किस तरह से प्रतिक्रिया करते हैं. ऐसा लगता है कि जनता ऐसी व्यवस्था का बहिष्कार कर रही है, जहां लोगों को मौलिक अधिकारों से उपेक्षित रखा जा रहा है. वहां की व्यवस्था में परिवर्तन होना चाहिए.’
तुर्की के प्रधानमंत्री रेसेप तय्यिप एरदोगन ने मुबारक से आग्रह किया है कि वह लोगों की बदलाव की इच्छा को पूरी करें. दूसरी ओर इस्राइल मुबारक के साथ खड़ा नजर आ रहा है. इस्राइली सरकार ने अमेरिकी प्रशासन की पश्चिम एशिया के सबसे भरोसेमंद सहयोगी में से एक से ‘मुंह फेर लेने’ और उन्हें ‘मझधार में ही छोड़ देने’ के लिये आलोचना की है.{mospagebreak} इस्राइल के विकास मामलों के उप मंत्री अयूब कारा ने अमेरिका के अरकानसास के पूर्व गवर्नर माइक हकाबी से कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा को यह समझने की जरूरत है कि मिस्र में विद्रोह कर रही जनता का समर्थन करना उस मुस्लिम समुदाय का समर्थन करने जैसा है जो मुबारक का स्थान ले सकता है.
इस्राइल ने अपने राजनयिकों से कहा है कि वह राष्ट्रपति मुबारक की सत्ता के लिये समर्थन जुटाये क्योंकि मिस्र में स्थिरता बनाये रखना ‘पश्चिम के हित में है.’ इस्राइली अखबार ‘हारेत्ज’ के अनुसार इस्राइली अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि शनिवार रात विदेश मंत्रालय ने अमेरिका, कनाडा, चीन, रूस और कई यूरोपीय देशों में मौजूद अपने दूतावासों को परामर्श भेजते हुए कहा कि वे मिस्र की सरकार के प्रति समर्थन जुटायें.
एक वरिष्ठ इस्राइली अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी और यूरोपीय सरकारों ने अपने हाथ खींच लिये हैं और वे उनके मूल हितों के बारे में विचार नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर वे मुबारक के आलोचक हैं, तब भी उन्हें अपने मित्र को यह महसूस कराने की जरूरत है कि वे अकेले नहीं हैं. मुबारक का अगर हर कोई साथ छोड़ देगा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.