इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) की मेजबानी में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के एक कार्यकम के बाद विवादों में आये कुलपति डॉ. एएस सहरावत ने आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे मंजूर कर लिया गया है.
सहरावत ने मंगलवार को बताया, ‘विश्वविद्यालय का माहौल शांतिपूर्ण नहीं था और मेरे मिजाज से मेल नहीं खा रहा था. लिहाजा मुझे इस्तीफा देना पड़ा.’ आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक डीएवीवी के कुलपति ने सोमवार शाम भोपाल में एक बैठक के बाद राज्यपाल और कुलाधिपति रामेश्वर ठाकुर को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
सूत्रों ने बताया कि सहरावत के इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से मंजूर कर लिया गया. डीएवीवी में नये कुलपति की नियुक्ति तक विश्वविद्यालय के रेक्टर डॉ. आशुतोष मिश्र को कुलपति का प्रभार सौंपा गया है.
दो जून 2009 से कुलपति के रूप में डीएवीवी की कमान संभालने वाले सहरावत पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट रहे हैं.
उनकी अगुवाई वाले डीएवीवी प्रशासन ने यहां 19 जनवरी को विश्वविद्यालय परिसर में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के एक कार्यक्रम की मेजबानी की थी. इस दौरान कांग्रेस के युवा महासचिव ने सैकड़ों विद्यार्थियों से राजनीति समेत अलग.अलग मुद्दों पर बातचीत की थी.
राहुल के कार्यक्रम को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सहरावत पर डीएवीवी के ‘कांग्रेसीकरण’ का आरोप लगाया था. इसके बाद राज्य सरकार ने नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया था कि उन्होंने यह कार्यक्रम उसकी मंजूरी के बगैर क्यों आयोजित किया.
माना जाता है कि राहुल प्रकरण के बाद सहरावत के प्रदेश सरकार से संबंध और खट्टे हो गये थे.
इस बीच, मीडिया में रह.रहकर ऐसी खबरें भी आयीं कि मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 52 के इस्तेमाल से प्रदेश सरकार उन्हें कुलपति के पद से हटा सकती है. लेकिन सहरावत ने इस पद से इस्तीफा देकर इन पर विराम लगा दिया.