सरकार ने शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल पेश करने की तैयारी पूरी कर ली है. नए बिल के मुताबिक प्रधानमंत्री लोकपाल के दायरे में होंगे और सीबीआई को स्वायत्तता भी मिलेगी, लेकिन सीबीआई लोकपाल के नियंत्रण नहीं होगी.
इसी तरह लोकपाल सेलेक्शन कमेटी में स्पीकर के अलावा प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस होंगे और ये चारों मिलकर तय करेंगे कि कमेटी का पांचवां सदस्य कौन हो. जबकि पहले राष्ट्रपति को ही कमेटी का पांचवां सदस्य बनाने का प्रावधान था.
राज्य सभा की सेलेक्ट कमेटी ने जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उसके मुताबिक सीबीआई निदेशक का चुनाव एक कमेटी करेगी, प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस इसके सदस्य होंगे.
लोकपाल के कहने पर सीबीआई जिस केस की जांच करेगी, उस जांच से जुड़े अधिकारियों का तबादला तभी हो पाएगा, जब लोकपाल इसकी सिफारिश करेगा.
गौरतलब है कि लोकपाल बिल राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था और इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया गया था.