अगस्ता वेस्टलैंड केस में इंडिया टुडे की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. अब घूसकांड का तार मॉरीशस जुड़ता नजर आ रहा है. प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट के मुताबिक अगस्ता केस में घूस की रकम मॉरीशस के जरिये भारत तक पहुंचाया गया और जिसके जरिये ये रकम पहुंचा उसका भी दस्तावेज में जिक्र किया गया है. इस बिचौलिये का नाम शेख फकीम महमूद है. जिससे इंडिया टुडे के अंडरकवर रिपोर्टर ने बात की और उसने बातचीत के दौरान अगस्ता वेस्टलैंड घूसकांड में आरोपी गौतम खेतान और पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एस पी त्यागी का नाम लिया. उसने बताया कि कैसे अगस्ता हेलीकॉप्टर डील में इटली से घूस की रकम भारत तक पहुंचाया गया.
त्यागी ने किए कई बड़े खुलासे
इसके अलावा पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी ने जांच एजेसियों के सामने दिए बयानों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पीएमओ पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन और पूर्व रक्षा सचिव को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. एसपी त्यागी ने साफ तौर पर अपने बयानो में कहा है कि 2004 में नयी सरकार के पीएमओ के दखल के बाद मामला पलटा और फिर तत्कालीन सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन ने बैठक में नियमों को बदलने को कहा. जिसपर तत्कालीन रक्षा सचिव ने अमल करने के आदेश दिए.
सरकार बदलते ही नियम बदल गया
पूर्व एयरचीफ मार्शल एसपी त्यागी ने अपने बयानों में कहा कि 2004 में जब एनडीए गठबंधन की सरकार थी तो यूरोकाप्टर ईसी 225 लिए जाने की बात की जा रही थी जो 6000 मीटर की ऊंचाई उड़ता था और इस बाबत तत्तकालीन रक्षा सचिव ने सरकार को साफ तौर पर लिखित में बता दिया था कि यूरोकाप्टर लेने में ही बुद्दिमानी है. लेकिन इसके बाद मई 2004 में एनडीए गठबंधन की सरकार बदल गई और यूपीए सरकार आ गई. त्यागी के बयानों के मुताबिक नयी सरकार में सब कुछ बदल गया पीएमओ से लेकर रक्षा सचिव तक और इसके बाद नवंबर 2004 में वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों को लेने की बाबत बैठक हुई. इस बैठक में रक्षा सचिव अजय विक्रम सिंह पीएमओ की सयुक्त सचिव मेहता एसपीजी के आईजी उप-वायुसेनाध्यक्ष सयुक्त सचिव वायु एडिशनल सेकेट्री प्रोक्योरमेंट आदि अधिकारी शामिल हुए.
तमाम बड़े अधिकारियों बैठक में हुए थे शामिल
त्यागी के बयानों के मुताबिक इस बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय से आई संयुक्त सचिव सुजाता मेहता ने कहा कि उन्हे हेलीकॉप्टर की ऊंचाई 6000 मीटर होने का कारण समझ में नहीं आता और वो इससे सहमत नहीं थी, उन्होंने ये भी कहा कि इस बारे में पीएमओ से और एसपीजी से राय नहीं ली गई. बयानों के मुताबिक मेहता ने कहा कि उन्हें एक ही कंपनी खरीद में शामिल हो ये स्वीकार नहीं था. नवंबर 2004 को हुई बैठक के दौरान जो निर्णय लिए गए उसके आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने 1 मार्च 2005 को प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठक ली. इस बैठक में कैबिनेट सचिव रक्षा सचिव, सुरक्षा सचिव, आईबी निदेशक, एसपीजी निदेशक, उप-वायुसेनाध्यक्ष और अन्य शामिल हुए.
नियम बदलकर अगस्ता को दौड़ में किया गया शामिल
बयानों के मुताबिक इस बैठक में वो सारे लोग शामिल थे जिनके कंधों पर देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी. बयान कहते हैं कि इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने साफ तौर पर निर्देश दिए कि रक्षा सचिव फिर से इस मामले में नए नियम बनाएं और उन्हें लागू कराया जाए. यही नहीं, इस बैठक में पुराने टेंडर को भी यह कहकर कैंसिल कर दिया गया कि खरीद-फरोख्त में केवल एक कंपनी नहीं रहनी चाहिए. सूत्रों के मुताबिक एसपी त्यागी ने जांच अधिकारियों को बताया कि इस बैठक में कहा गया कि एमआई 8 हेलीकॉप्टर जो वीवीआईपी सर्विस में लगे हुए हैं उनकी तर्ज पर नियम बनाए जाने चाहिए.