scorecardresearch
 

किस विभाग में कितने अल्पसंख्यक कर्मचारी, गिनती करवा रही केजरीवाल सरकार

अरविंद केजरीवाल सरकार ने विभागों में कार्यरत अल्पसंख्यकों के ताजा आंकड़े मांगे हैं. ताकि सरकारी नौकरियों में अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व की तस्वीर सामने आ सके.

Advertisement
X
केजरीवाल सरकार करा रही अल्पसंख्यकों की गिनती. (फाइल फोटो)
केजरीवाल सरकार करा रही अल्पसंख्यकों की गिनती. (फाइल फोटो)

Advertisement

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने अधीन आने वाले सरकारी विभागों में अल्पसंख्यकों की गिनती शुरू कराई है. सरकार के समाज कल्याण विभाग ने सभी विभागों को अपने यहां कार्यरत अल्पसंख्यक कर्मचारियों का ब्यौरा भेजने को कहा है. ताकि दिल्ली सरकार के अल्पसंख्यक आयोग को उपलब्ध कराया जा सके. हालांकि विभागीय सूत्रों का कहना है कि गिनती कराने के पीछे कोई और मंशा नहीं बल्कि सरकारी विभागों में अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व का पता लगाना है.

12 जुलाई को जारी अपने सर्कुलर में समाज कल्याण विभाग ने कहा है कि कृपया अल्पसंख्यक आयोग के 11 जून 2019 के लेटर को देखने का कष्ट करें, जिसमें विभागों में अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व के नवीनतम आंकड़े मांगे गए हैं. इसे जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का कष्ट करें. इससे पूर्व 17 जून को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने समाज कल्याण विभाग के सेक्रेटरी को कड़ा खत लिखते हुए कहा था कि हमने आपसे 16 अप्रैल को विभागवार कार्यरत अल्पसंख्यकों की जानकारी मांगी थी. मगर दुख है कि आपने अब तक यह जानकारियां नहीं दीं.

Advertisement

circular_072619114232.pngदिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग का वह सर्कुलर, जिसमें अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व के आंकड़े मांगे गए हैं.

तैयार होनी है रिपोर्ट

विभागीय सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार का अल्पसंख्यक आयोग एक सालाना रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है. जिसमें सरकारी नौकरियों में मुस्लिम आदि अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व के आंकड़े शामिल किए जाने हैं. इसी सिलसिले में आयोग ने समाज कल्याण विभाग के जरिए सभी विभागों में कार्यरत अल्पसंख्यकों का ब्यौरा जुटाना शुरू किया है. बताया जा रहा है कि 2011 की जनगणना के मुताबिक दिल्ली में मुस्लिमों की आबादी करीब 13 प्रतिशत है, मगर सरकारी नौकरियों में भागीदारी ढाई प्रतिशत से भी कम है. ऐसे में सरकार अब सभी विभागों से आंकड़े जुटाकर भागीदारी बढ़ाने की योजना बनाना चाहती है.

Advertisement
Advertisement