दुनिया के दिग्गजों के साथ दोस्ती ने नरेंद्र मोदी को वैश्विक मंच पर ला खड़ा किया है और इसकी वजह से देश का सामरिक, रणनीतिक और आर्थिक कद भी बढ़ रहा है. आगे जानिए कैसे मोदी का जलवा है देश के काम का.
"बराक और मैं"
जनवरी, 2015 में ओबामा के भारत दौरे में मोदी ने प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर दिल्ली हवाई अड्डे पर
अमेरिकी राष्ट्रपति की अगवानी की. हाथ मिले और गले भी. साथ ही उन्हें बराक कहकर पुकारा. ओबामा ने भी
खूब साथ दिया. दोनों नेताओं ने चाय की चुस्कियां लेते हुए बातचीत की और हंसी-मज़ाक भी. बराक ने टाइम
में मोदी की तारीफ में कसीदे कढ़े.
देश का फायदाः 10 साल की अवधि वाला रक्षा सौदा. दोतरफा कारोबार में इज़ाफा और दोनों मुल्कों के बीच
रिश्तों में सुधार.
'मेरे दोस्त टोनी'
जब दोनों नेता ब्रिसबेन, ऑस्ट्रेलिया में मिले तो मोदी ने टोनी एबॉट की दिल खोलकर तारीफ की. गले मिले
गए, गर्मजोशी से हाथ मिले और सेल्फी खींची गईं.
देश का फायदाः असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर दस्तखत, सामाजिक सुरक्षा पर पांच करार, कैदियों पर
समझौता, नारकॉटिक्स ट्रेड, टूरिज़्म और कला-संस्कृति के अलावा दोनों मुल्कों के बीच कारोबारी समझौता भी
हुआ.
नमो और शिंजो
इसकी शुरुआत एक औपचारिक ट्वीट से हुई जब जापान के प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनावों में जीत पर बधाई
दी. इसके बाद सितंबर, 2014 में मोदी ने जापान का दौरा किया.
देश का फायदाः शिंजो अबे ने अगले पांच साल के दौरान भारत में 2.1 लाख करोड़ रुपए के निवेश का वादा
किया है. दोनों मुल्क़ों के बीच रक्षा सहयोग, सड़क, स्वास्थ्य, सड़क, महिला विकास और स्वच्छ ऊर्जा पर पांच
समझौते भी हुए.
मेरे प्रिय हार्परजी
मोदी के दोस्तों में सबसे नया नाम कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर हैं, जो टोरंटो में एक समारोह के दौरान
मोदी से गलबहियां करते नज़र आए थे. दोनों के बीच अभी गहरी दोस्ती नहीं हुई है, लेकिन मोदी ने हार्परजी
कहकर इसकी शुरुआत की और अपनी दोस्ती का ऐलान कर दिया
देश का फायदाः 800 साल पुरानी
प्रतिमा पैरट लेडी वापस लाने के अलावा मोदी ने कनाडा के साथ 13 समझौतों पर दस्तख़त किए, जिन्में
अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग भी शामिल है.
साभार newsflicks.com