जांच हो रही थी कि आतंकवादियों को धन कहां से उपलब्ध होता है, पर इस दौरान सुरक्षा एजेंसियों के हाथ स्पॉट फिक्सिंग तक जा पहुंचे. जाहिर है कहीं न कहीं दोनों (फिक्सिंग और आतंकवादियों) के तार आपस में जुड़ते हैं.
यह चौंकाता जरूर है कि आतंकियों के धन के स्रोत को खोजने की जांच में जुटे अधिकारी इसी के जरिए आईपीएल मैचों में स्पाट फिक्सिंग के पूरे प्रकरण तक पहुंचे.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह सबकुछ तब शुरू हुआ जब पुलिस और सुरक्षा एजेंसी आतंकवादियों को धन उपलब्ध कराने के मामले की जांच में जुटी थी और यहीं से उन्हें स्पॉट फिक्सिंग का पता चला.
सूत्रों ने कहा कि आतंकवादियों को धन मुहैया कराने से संबंधित कुछ संपर्क हैं, लेकिन अलग-अलग मामलों की अब तक जांच नहीं हुई है और किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी.