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कैसे बाहर लाएं काला धन?

पांच उपायों से नाजायज संपत्ति बाहर आ सकती है.

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पांच उपायों से नाजायज संपत्ति बाहर आ सकती है.

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रियल एस्टेट में सुधार करें
सर्किल रेट तय करना बंद करें, स्टांप ड्यूटी खत्म करें

जमीन के बाजार में दो गड़बड़ियां हैं और इनके कारण काला धन पैदा होने से रोकने के लिए इन्हें तुरंत दूर किया जाना चाहिए. सरकार को स्टांप ड्यूटी के जरिए राजस्व कमाने के लिए जमीन के सर्किल रेट तय करना बंद देना चाहिए, क्योंकि देश भर में वास्तविक बाजार मूल्य सर्किल रेट से कहीं अधिक है और इनके बीच के अंतर का भुगतान अमूमन नकदी में किया जाता है. दूसरे, सरकार स्टांप ड्यूटी समाप्त करने की दिशा में कदम उठा सकती है. इसकी चोरी की वजह से भी काले पैसे में लेनदेन होता है. मार्च में नई दिल्ली में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्टांप ड्यूटी की वजह से भूमि बाजार में गड़बड़ियां होने की बात स्वीकार की थी.

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जीएसटी लागू करें, प्रत्यक्ष कर संहिता लागू करें
भारत में काले धन की अर्थव्यवस्था के सृजन की कहानी उस दौर से चली आ रही है, जब आमदनी पर 95 प्रतिशत जैसा दंडात्मक रूप से ऊंचा कर होता था. हालांकि सुधारों के बाद करों की दरें घट गई हैं, लेकिन कर प्रणाली अभी भी पुराने ढर्रे की बनी हुई है और कर चोरी को प्रोत्साहित करती है. माल और सेवा कर में अप्रत्यक्ष करों की दर कम करने, कई सारे करों और दरों के एक के ऊपर एक लदते जाने का असर खत्म करने, और कर माफी की संस्कृति खत्म करने की संभावना है. इससे कर चुकाने में बढ़ोतरी होगी. प्रत्यक्ष कर संहिता लागू करने से कॉर्पोरेट और आयकर की दरें और कम होंगीं, जबकि कर माफी खत्म होगी.

सारी पार्टियों से संपत्तियों और देनदारियों की घोषणा करवाई जाए
काले पैसे के अंतिम प्रयोगों में से सबसे अहम है चुनाव लड़ने का खर्च. सरकार को व्यापक चुनाव सुधारों के जरिए काले पैसे की मांग के इस महत्वपूर्ण स्रोत को बंद करने की दिशा में काम करना चाहिए, जिसमें राजनैतिक दलों को दिए जा रहे धन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होने की जरूरत है. सारे दलों को अपनी संपत्तियों और देनदारियों और उनके स्त्रोतों की घोषणा करनी चाहिए.

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कर चोरों के बारे में जानकारी साझा करें
सरकार को कर संधियों पर दस्तखत जरूर करने चाहिए-या तो कर सूचना विनिमय समझैते या दोहरे कराधान से बचने के समझैते, जो संदिग्ध कर चोरों के बारे में सूचनाओं के आदान-प्रदान को मुमकिन बनाते हैं. हालांकि अधिकांश देशों द्वारा इन संधियों में गोपनीयता का प्रावधान शामिल किए जाने की संभावना है. इससे सरकार अपराधियों के नाम सार्वजनिक करने में समर्थ नहीं हो सकेगी. फिर भी वह उनसे दंडात्मक शुल्क वसूल सकेगी.

काले धन पर कर चुकाने पर जोर दें
एक बार की माफी योजना की उपयोगिता को लेकर अर्थशास्त्रियों में मतभेद हैं, जिसके तहत विदेशों में या देश में काला धन रखने वाले सामने आकर अपनी संपत्ति को घोषित कर सकते हैं और 10-20 प्रतिशत कर दे सकते हैं. कुछ इसका समर्थन करते हैं. जो इसका विरोध करते हैं, उनका मानना है कि ऐसी योजनाओं को आमतौर पर एक बार की योजना नहीं समझा जाता (1997 में स्वैच्छिक आय घोषणा योजना आई थी.) और इस कारण कम ही लोग आगे आ कर अपने पैसे की घोषणा करते हैं. इसके अलावा, काले पैसे का सृजन एक सतत प्रक्रिया है. यह एक बार होने वाली प्रक्रिया नहीं है.

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