26 जनवरी के गणतंत्र दिवस समारोह से पहले भारत को आतंकियों की बुरी नजर से बचाने की कोशिशों में RSS भी जुट गया है. गुजरात में संघ के कैंप में लोगों को यह बताया जा रहा है कि वे आतंकियों की पहचान किस तरह करे. मॉक ड्रिल ने खोली सूरत पुलिस की पोल
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, संघ ने अहमदाबाद में एक प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें बड़े-बड़े पोस्टर टांगे गए हैं. इसमें मुंबई में सुलगते हुए होटल ताज व अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की तस्वीर है. पोस्टर की हेडिंग दी गई है, 'आतंकियों की पहचान कैसे करें?' लोगों को आतंकियों की जो पहचान बताई जा रही है, वह अजीब है.
पोस्टर के मुताबिक, आतंकी गर्मी के दिनों में भी गर्म कपड़े और जैकेट वगैरह पहनते हैं. वे महत्वपूर्ण स्थानों पर मेटल डिटेक्टर टेस्ट से बचने की कोशिश करते हैं. आतंकी अचानक तेज रफ्तार से दौड़ते भी नजर आ सकते हैं. इनका व्यवहार नॉर्मल नहीं होता है. RSS के कर्ता-धर्ता लोगों को यह बता रहे हैं कि थोड़ी-सी सावधानी बरतकर वे कोई बड़ी वारदात होने से बचा सकते हैं.
बहरहाल, गुजरात में RSS की यह पहल ऐसे वक्त में हो रही है, जब मॉक ड्रिल को लेकर वहां की पुलिस की काफी किरकिरी हो चुकी है. दरअसल, सूरत व नर्मदा पुलिस ने मॉक ड्रिल के दौरान आतंकी बने शख्स को मुस्लिम दिखाया था. आतंकी की पोशाक व दाढ़ी दिखाकर उसका हुलिया मुसलमान जैसा बना दिया गया था. बवाल पैदा होने पर पहले एसपी ने गलती मानी. बाद में सीएम आनंदीबेन पटेल ने भी माना कि इस मामले में पुलिस से गलती हुई है.