केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने मंगलवार (27 अगस्त) को दावा किया कि रामायण में उल्लेख के मुताबिक 'राम सेतु' का निर्माण भारतीय इंजीनियरों ने किया था.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर के छात्रों को संबोधित करते हुए पोखरियाल ने कहा, 'क्या इस पर कोई दो राय हो सकती है कि हमारा देश तकनीक के मामले में कितना अग्रणी हुआ करता था? देश में इंजीनियरों की क्वालिटी क्या थी? अगर हम राम सेतु की बात करें तो क्या उसे अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के इंजीनियरों ने बनाया? पूरी दुनिया को हैरान करते हुए राम सेतु हमारे अपने इंजीनियरों ने बनाया था, लेकिन हम जब अपने अतीत की बात करते हैं तो कुछ लोग हंसते हैं. लेकिन वो सच था.'
50 मिनट के दीक्षांत भाषण में मानव संसाधन विकास मंत्री ने भारत के गौरवशाली इतिहास के बारे में बताया. उन्होंने साथ ही कहा कि देश ने कैसे विकास की दौड़ में चीन को पीछे छोड़ा.
पोखरियाल ने कहा, 'जब हम गीता के बारे में बात करते हैं तो हम विज्ञान की बात करते हैं. आज दुनिया आयुर्वेद और योग की शक्ति को मान चुकी है. आज गीता पूरी दुनिया में पढ़ाई जाती है, क्योंकि ये विज्ञान है. ये वो विज्ञान है जो आत्मा और परमात्मा को जोड़ता है. यही कारण है हिन्दुस्तान अपने ज्ञान और विज्ञान की वजह से हमेशा विश्वगुरु रहा.'
संस्कृत को देववाणी यानी भगवान की भाषा बताते हुए पोखरियाल ने दावा किया कि ये दुनिया की सबसे पहली भाषा है.
पोखरियाल ने कहा, 'संस्कृत पृथ्वी की सबसे पहली भाषा है. कोई भी ये साबित नहीं कर सका है कि संस्कृत से पहले भी किसी और भाषा का अस्तित्व था. जब हम ऐसा कहते हैं तो लोग उसका मखौल उड़ाते हैं.' पोखरियाल ने इस संबंध में शोध करने के लिए कहा.
पोखरियाल ने दावा किया कि अगर भविष्य में कंप्यूटर लैंग्वेज को संस्कृत में विकसित किया जाता है तो ये सबसे उपयोगी साबित होगी, क्योंकि ये एक वैज्ञानिक भाषा है.
पोखरियाल ने हिमालय को नीलकंठ बताते हुए कहा कि ये सभी विकसित देशों के विषैले उत्सर्जन को सोख कर पृथ्वी ग्रह की मदद करता है.
बता दें कि पोखरियाल ने कुछ दिन पहले इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) में ज्ञानोत्सव में कहा था कि भारतीय पुराणों के मुताबिक गुरुत्वाकर्षण (ग्रैविटी) के सिद्धांत को न्यूटन से सदियों पहले ही खोज लिया गया था.