पुलिस ने शुक्रवार को कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लिया. कार्यकर्ता कथित तौर पर कश्मीर घाटी में हिंसा भड़काने की साजिश में शामिल था.
पुलिस ने हुर्रियत कांफ्रेंस के सैयद अली शाह गिलानी की अध्यक्षता वाले गुट के जिलाध्यक्ष शबीर अहमद वानी और संगठन के दूसरे कार्यकर्ता गुलाम अहमद दार के बीच फोन पर हो रही बातचीत सुनी, जिसके बाद नारबल-मागाम रोड पर कई स्थानों पर तलाश करके वानी को गिरफ्तार कर लिया.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों कथित तौर पर मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में एक प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने के बारे में बात कर रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, वानी पर रणबीर दंड संहिता के अंतर्गत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. उस पर नागरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत भी आरोप दायर किया जा सकता है, जिसके तहत उसे दो वर्ष की कैद की सजा हो सकती है.{mospagebreak}
पुलिस अब दार की तलाश में जुट गई है. वार्ता के सार्वजनिक होते ही वह लापता हो गया है. कश्मीर घाटी में हिंसा फैलाने में कट्टरपंथी अलगाववादियों की भूमिका का खुलासा इन दोनों के बीच की वार्ता के बारे में पता चलने के बाद हुआ. दोनों, कथित तौर पर श्रीनगर में सात जुलाई को प्रदर्शन के दौरान कम से कम 15 लोगों के मारे जाने के बारे में बात कर रहे थे.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास मौजूद वार्ता की प्रतिलिपि के मुताबिक, सात जुलाई की शाम को श्रीनगर के बाहरी इलाकों और बडगाम जिले में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ. प्रतिलिपि के मुताबिक, कट्टरपंथी हुर्रियत के दो वरिष्ठ कार्यकर्ता इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि इस प्रदर्शन का उपयोग कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को हताहत करने में किया जाए.
प्रतिलिपि के मुताबिक दार, वानी से कह रहा था कि लगभग 20,000 लोगों का जुलूस मागम से बडगाम की ओर जाएगा और भीड़ के आगे बढ़ने के दौरान कम से कम 10 से 15 लोगों को ‘शहीद’ होना चाहिए. हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया और इसके चलते कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.