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'कश्मीर घाटी में पथराव के पीछे हुर्रियत नेता का हाथ'

जम्मू कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के एक कार्यकर्ता ने कहा है कि उनका संगठन ही कश्मीर घाटी में पथराव करवाने और उसके लिए धन जुटाने में संलिप्त था.

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जम्मू कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के एक कार्यकर्ता ने कहा है कि उनका संगठन ही कश्मीर घाटी में पथराव करवाने और उसके लिए धन जुटाने में संलिप्त था.
सुरक्षा बलों ने मध्य कश्मीर के शबीर अहमद वानी के आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के पूर्व सदस्य गुलाम मोहम्मद डार के साथ टेलीफोन पर बातचीत पकड़ी थी, जिसके बाद वानी को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था. डार फिलहाल हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े का जिला अध्यक्ष है. कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी हैं.
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार वानी की पूछताछ रिपोर्ट के अनुसार उसने पूछताछकर्ताओं को बताया कि हुर्रियत ने ही आम प्रदर्शन का आयोजन किया था और उसने ऐसे प्रदर्शनों में कई युवकों को सबसे आगे रखने के लिए धन खर्च किया था.
एजेंसियों ने दावा किया है कि वानी ने इस बात की पुष्टि की है कि उसने पिछले बुधवार को डार से बातचीत की थी. बातचीत के दौरान डार ने सुझाव दिया था कि बडगाम में प्रदर्शन के दौरान 10-15 लोगों को ‘‘शहीद’’ होने दिया जाए.
वानी ने पूछताछकर्ताओं को बताया, ‘‘वह :डार: तहरीक-ए-हुर्रियत का जिला अध्यक्ष है और इससे पहले वह हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकवादी था. उसे वासिम अल्लापुरी के नाम से भी जाना जाता है.’’ इस खुलासे के बारे में गिलानी या उनके किसी शीर्ष सहयोगी की प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है क्योंकि उनमें से ज्यादातर या तो नजरबंद है या छिप गए हैं. टेलीफोन पर बातचीत का ट्रांसक्रिप्ट जब से सार्वजनिक हुआ है, डार भी गायब है. पुलिस ने उसकी खोज में कई छापे मारे हैं.

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