हुस्नी मुबारक ने इस्तीफा देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है. राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए मुबारक ने साफ कर दिया कि वो अगला राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे और तबतक राष्ट्रपति पद नहीं छोड़ेंगे. इस ऐलान के बाद लोगों का विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया है."/> हुस्नी मुबारक ने इस्तीफा देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है. राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए मुबारक ने साफ कर दिया कि वो अगला राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे और तबतक राष्ट्रपति पद नहीं छोड़ेंगे. इस ऐलान के बाद लोगों का विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया है."/> हुस्नी मुबारक ने इस्तीफा देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है. राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए मुबारक ने साफ कर दिया कि वो अगला राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे और तबतक राष्ट्रपति पद नहीं छोड़ेंगे. इस ऐलान के बाद लोगों का विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया है."/>
 

हुस्नी मुबारक नहीं देंगे इस्तीफा

मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने इस्तीफा देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है. राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए मुबारक ने साफ कर दिया कि वो अगला राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे और तबतक राष्ट्रपति पद नहीं छोड़ेंगे. इस ऐलान के बाद लोगों का विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया है.

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मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक
मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक

मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने इस्तीफा देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है. राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए मुबारक ने साफ कर दिया कि वो अगला राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे और तबतक राष्ट्रपति पद नहीं छोड़ेंगे. इस ऐलान के बाद लोगों का विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया है.

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मुबारक के इस्तीफा देने से इंकार के बाद मिस्र में एक बार फिर लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरा है. उनकी भावनाओं का माखौल उड़ा है.

मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक खुद जनता से मुखातिब हुए और साफ कर दिया कि वो फिलहाल गद्दी नहीं छोड़ने वाले.

हुस्नी मुबारक अपनी बात पर अड़े हैं. पहले भी उन्होंने यही कहा था कि वो सितंबर के महीने में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे और तबतक गद्दी भी नहीं छोड़ेंगे. अब भी उसी बात पर कायम है. राष्ट्र को संबोधित करते हुए मुबारक ने कहा कि देश में सत्ता का शांति पूर्ण हस्तांतरण सितंबर महीने तक होगा.

मुबारक के बयान में गज़ब का विरोधाभास है, एक ओर वो कहते हैं कि जनता की मांग जायज़ है, दूसरी ओर इस मांग पर अमल करने से साफ-साफ इनकार कर रहे हैं.

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जनता के आक्रोश को कम करने के लिए मुबारक ने अपने अधिकारों में कुछ कमी जरूर की है. संविधान में संशोधन की बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो अपने कुछ अधिकार उप-राष्ट्रपति को सौंप देंगे.

राष्ट्र के नाम संदेश में लोगों के घाव पर मरहम लगाने की कोशिश भी दिखी. ऐलान किया कि प्रदर्शन में मारे गए लोगों की मौत जाया नहीं जाएंगी. उनकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ़ कार्रवाई जरूर होगी.

लेकिन यहां मौजूद भीड़ पर ये हुस्नी मुबारक का मरहम काम न आया. राष्ट्रपति के संदेश के बाद एक बार फिर तहरीर चौक पर प्रदर्शन और हंगामा शुरु हो गया.

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