हैदराबाद बम धमाकों में एक अहम खुलासा हुआ है. पता चला है कि 4 दिन पहले ही घटनास्थल दिलसुखनगर में CCTV कैमरों की तार काट दी गई थी. इससे साफ जाहिर है कि कितने प्लानिंग के साथ इन धमाकों को अंजाम दिया गया.
आज तक के हल्ला बोल कार्यक्रम में आज का सवाल है ‘आतंक आखिर कब तक?’
अपनी राय नीचे बॉक्स में टाइप कर भेजें. चुनिंदा रायों को हल्ला बोल कार्यक्रम के दौरान शाम 6 बजे आज तक पर दिखाया जाएगा.
इससे पहले भी सूत्रों के हवाले से खबर आ रही थी कि वारदात की जगह के पास के सीसीटीवी कैमरे खराब थे. सूत्रों के मुताबिक कैमरे की केबल मेट्रो के निर्माण कार्य के दौरान कुछ दिन पहले काट दी गई थी. इस वजह से घटनास्थल के सीसीटीवी कैमरे खराब थे. यहां प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आती है.
इंडियन मुजाहिद्दीन पर शक की सुई
इसके अलावा सीरियल ब्लास्ट में खुफिया जांच एजेंसी के हाथ कुछ अहम सुराग भी लगे हैं. अमोनिया, यूरिया, पेट्रोल, आईइडी और स्पलिंटर घटनास्थल से मिला है. शक के दायरे में तीन लोग हैं. जिन तीन लोगों के नाम शक के दायरे में हैं उनमें से एक का नाम तबरेज बताया जा रहा है जो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है, जबकि दूसरे का नाम वकार बताया जा रहा है जो समस्तीपुर का वासी है और तीसरे का नाम मंजर है जो झारखंड का रहने वाला है.
इंडियन मुजाहिद्दीन के स्थानीय मॉड्यूल को धमाके की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. सात जगहों पर धमाके की साजिश थी, जिसमें सिकंदराबाद और वाइजैग भी शामिल थे.