हैदराबाद धमाकों में प्रेशर कुकर का इस्तेमाल किया गया था. ये खुलासा धमाकों के फॉरेंसिक रिपोर्ट से हुआ है. धमाके के लिए 1.5 किलो अमोनियम नाइट्रेट और चीन और जापान में बनी पांच बैट्रियों का इस्तेमाल किया गया था.
धमाके से दो हजार डिग्री सेल्सियस तापमान बाहर निकला. घटनास्थल से जांचकर्ताओं को एल्युमिनियम के टुकड़े भी मिले हैं. इससे पहले आंध्र प्रदेश पुलिस हैदराबाद में हुए दोहरे बम विस्फोट स्थलों के पास लगे एक क्लोज सर्किट सीसीटीवी कैमरे से प्राप्त संदिग्ध हमलावरों की तस्वीरों का विश्लेषण करके उन्हें उन्नत बनाने के लिए अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई की मदद लेने पर विचार कर सकती है.
सूत्रों ने बताया कि विस्फोट स्थलों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे से प्राप्त फुटेज से अभी तक कोई विश्वसनीय सुराग नहीं मिल पाया है क्योंकि फुटेज में जो तीन व्यक्ति उस साइकिल के पास इंतजार करते दिखायी दिये हैं वह तस्वीरें पर्याप्त स्पष्ट नहीं हैं.
इस साइकिल के बारे में माना जा रहा है विस्फोटक उसी से बंधा हुआ था. बीते गुरुवार को हैदराबाद के दिलसुखनगर क्षेत्र में कुछ मिनट के अंतराल पर हुए दो बम विस्फोटों में 16 व्यक्ति मारे गए थे और 117 अन्य घायल हो गए थे.
एक अधिकारी ने कहा था, ‘फुटेज को शहर के एक फिल्म लैब भेजा गया था लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई. तस्वीर की गुणवत्ता नहीं सुधारी जा सकी. इसलिए फुटेज को एफबीआई के पास भेजा जा सकता है जिसके पास उन्नत प्रौद्योगिकी है.’