बैंक से जुड़े धोखाधड़ी और अरबों रुपए के घोटाले खत्म होने का नाम नहीं ले रहे. एक के बाद एक बैंक से जुड़े घोटाले सामने आ रहे हैं. गुरुवार को एक नये घोटाले का पर्दाफाश करते हुए सीबीआई ने टोटेम इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ 1,395 करोड़ के घोटाले के लिए केस दर्ज किया है.
1,395 करोड़ रुपए के घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए टोटम इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (हैदराबाद) के प्रोमोटर्स और निदेशक टोटेमपुड़ी सालालिथ और टोटेमपुड़ी कविता को शुक्रवार को गिरफ़्तार कर लिया. आरोप है कि इस कम्पनी ने 8 बैंकों से 1395 करोड़ रुपये का घोटाला किया. सीबीआई ने दोनों आरोपियों के घर पर छापेमारी भी की.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) की ओर से टोटम इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (हैदराबाद) के खिलाफ मिली शिकायत के बाद इस कंपनी और इसके प्रोमोटर्स तथा निदेशक टोटेमपुड़ी सालालिथ और टोटेमपुड़ी कविता पर केस दर्ज किया गया था. कंपनी पर आरोप है कि उसने 8 बैंकों के साथ धोखाधड़ी करते हुए 1,395 करोड़ रुपए का घोटाला किया.
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की इंडस्ट्रियल फाइनेंस शाखा ने सीबीआई को भेजी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि इस कंपनी ने बैंक के साथ 303.84 करोड़ की धोखाधड़ी की.
केस के अनुसार, कंसोर्टियम के जरिए यूबीआई की अगुवाई में 8 बैंकों से कर्ज लिया गया. इस तरह सभी बैंकों की कंसोर्टियम राशि 1394.43 करोड़ हो गई. टोटेम इंफ्रा रोड प्रोजेक्ट, वॉटर वर्क्स और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के कारोबार से संबंधित है. टोटेम इंफ्रा ने देश की जानी-मानी कंपनियों जैसे एलएंडटी, आरआईटीईएस और इरकॉन इंटरनेशनल के लिए सब-कॉन्ट्रेक्ट पर भी काम किया है.
एक सीबीआई अधिकारी ने कहा, 'ऋण यूबीआई समेत 8 बैंकों से लिया गया. कंपनी पर सभी बैंकों का कुल 1,394.43 करोड़ रुपए बकाया है. ऋण और ब्याज भुगतान डिफॉल्ट होने के बाद इस खाते को 30 जून 2012 को गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) की श्रेणी में डाल दिया गया था.' यह कंपनी सड़क निर्माण, जल कार्य और इमारत निर्माण से जुड़ी हुई है.
कर्ज देने वाले बैंक का दावा है कि कंपनी ने उससे कर्ज लेने के बाद फंड डायवर्ट किया है. वहीं अपना घाटा दिखाने के लिए कंपनी ने अपने खर्च और सैलरी के मद को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया है. बैंक के मुताबिक कर्ज में डिफॉल्ट करने के बाद से कंपनी के प्रोमोटर्स फरार हो गए थे.
इससे पहले, बुधवार को भी सीबीआई ने चेन्नई की ज्वैलर कंपनी कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 14 बैंकों से कुल 824.15 करोड़ रुपए ऋण धोखाधड़ी में मामला दर्ज किया था. इस राशि को भी एनपीए में डाल दिया गया है. कंपनी द्वारा कर्ज की अदायगी न करने पर इनको दिए लोन को एनपीए में डाल दिया गया था.
पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद देश में वित्तीय फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आ चुके हैं. राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के अलावा कई जगहों पर विभिन्न कंपनियों द्वारा बैंकों को चूना लगाने का मामला सामने आ चुका है और जांच एजेंसियों पड़ताल में जुटी हैं.