हैदराबाद गैंगरेप-मर्डर केस में चारों आरोपियों को ढेर कर दिया गया है. इस एनकाउंटर पर सवाल उठ सकते हैं. इस पूरे मुठभेड़ की मजिस्ट्रेट जांच हो सकती है. हालांकि, अभी सबकी नजर पुलिस के बयान पर है.
पुलिस को मीडिया के साथ ही कोर्ट के सामने कई सवालों के जवाब देने होंगे, जिसमें किन हालत में एनकाउंटर किया गया? रीक्रिएट के दौरान पुलिस कस्टडी में आरोपी कैसे भागने लगे? आरोपी अगर भाग रहे थे तो पहले उनके पैर में गोली मारी गई थी या नहीं? जैसे सवाल शामिल है.
एनकाउंटर पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अभी पूरे मामले के बारे में सुना है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए. इस मामले में राज्य सरकार बहुत सक्रिय थी.
उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा था कि ये लोग जानवर बन गए हैं. हमें शार्ट टर्म उपाय नहीं करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमें महिला सुरक्षा के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जरूरत है. बता दें कि मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद अगली ही सुबह आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिए जाने की खबर आ गई.
क्या है पूरा मामला
ठीक 10 दिन पहले अस्पताल से घर लौट रही वेटरिनरी चिकित्सक डॉक्टर दिशा के घर लौटते समय दरिंदगी हुई थी. डॉक्टर के साथ गैंग रेप के बाद उसके शव को पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी. इस घटना के बाद हैदराबाद के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में भी लोग उबल रहा था.लोगों ने आरोपियों को सौंपने की मांग को लेकर थाने के बाहर प्रदर्शन भी किया था.
शुक्रवार की सुबह पुलिस आरोपियों को लेकर सीन रीक्रिएट करने के लिए घटनास्थल पर पहुंची थी. चारो आरोपियों ने वहां से भागने की कोशिश की. पुलिस ने चारो को ढेर कर दिया. इस एनकाउंटर को लेकर पीड़िता के चाचा ने भी नाखुशी जाहिर की है.