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नेहरू की चलती तो 'हैदराबाद' भी हो जाता नासूर: लालकृष्ण आडवाणी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने हैदराबाद की रियासतों को भारत में मिलाने के लिए एक बार फिर पूर्व गृह मंत्री वल्लभ भाई पटेल की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि 'पटेल अगर नेहरू की सलाह मानते तो हैदराबाद भी जम्मू कश्मीर की तरह समस्या बन गया होता.'

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लाल कृष्ण आडवाणी
लाल कृष्ण आडवाणी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने हैदराबाद की रियासतों को भारत में मिलाने के लिए एक बार फिर पूर्व गृह मंत्री वल्लभ भाई पटेल की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि 'पटेल अगर नेहरू की सलाह मानते तो हैदराबाद भी जम्मू कश्मीर की तरह समस्या बन गया होता.'

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आडवाणी ने कहा कि हैदराबाद के निजाम भारत में शामिल नहीं होना चाहते थे. नेहरू की चलती तो यह मुद्दा भी कश्मीर की तरह संयुक्त राष्ट्र ले जाया जाता. लेकिन सरदार पटेल की ‘व्यावहारिकता’ ने उस स्थिति से बचा लिया.

आडवाणी ने पटेल के एक करीबी की पुस्तक का हवाला देते हुए कहा कि जवाहर लाल नेहरू हैदराबाद की रियासतों को भारत में मिलाने के लिए सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ थे.

उन्होंने दावा किया कि निजाम हर हाल में आजाद रहना चाहते थे और अपने भू-भाग में हिंदुओं की हत्या की धमकी दे रहे थे.

सरदार पटेल ने 1948 में सेना के इस्तेमाल से हैदराबाद की रियासतों का बलपूर्वक भारत में एकीकरण करवाया था.

एक किताब की रिलीज के मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा, 'हम नहीं जानते कि अगर पटेल ने नेहरू की सलाह पर ध्यान दिया होता तो क्या होता. हैदराबाद भी जम्मू कश्मीर की तरह समस्या बन गया होता.'

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किताब 'जम्मू और कश्मीर की अनकही कहानी' में जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टी प्रजा परिषद के बारे में तफसील से लिखा गया है. प्रजा परिषद ने प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने के खिलाफ अभियान चलाया था. बाद में उसका जनसंघ में विलय कर दिया गया था.

यह किताब जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर जारी की गई.

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