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भड़काऊ अफवाह फैलाने में व्हाट्सएप, ट्विटर और टिक टॉक पर FIR दर्ज

व्हाट्सएप, ट्विटर, टिक-टॉक के खिलाफ यह शिकायत वरिष्ठ पत्रकार सिल्वेरी श्रीशैलम ने की है. शिकायतकर्ता श्रीशैलम का आरोप है कि इन माध्यमों के कृत्य देश के कानून और कानूनी ढांचे के लिहाज से अत्यधिक आपत्तिजनक है.

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सोशल साइट्स के खिलाफ FIR दर्ज
सोशल साइट्स के खिलाफ FIR दर्ज

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  • विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज
  • भड़काऊ अफवाह फैलाने के लिए दर्ज हुआ केस

हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने सोशल मीडिया एप, व्हाट्सएप, ट्विटर और टिक टॉक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. यह एफआईआर दो धर्मों के बीच भड़काऊ अफवाह फैलाने के लिए दर्ज की गई है. आरोप है कि व्हाट्सएप, ट्विटर, टिक-टॉक, फेसबुक आदि सोशल मीडिया एप राष्ट्र और धर्म के खिलाफ संदेशों वाले वीडियो और पोस्ट अपलोड कर रहे हैं.

व्हाट्सएप, ट्विटर, टिक-टॉक के खिलाफ यह शिकायत वरिष्ठ पत्रकार सिल्वेरी श्रीशैलम ने की है. शिकायतकर्ता श्रीशैलम का आरोप है कि इन माध्यमों के कृत्य देश के कानून और कानूनी ढांचे के लिहाज से अत्यधिक आपत्तिजनक है.

पत्रकार श्रीशैलम ने पुलिस से आग्रह किया कि इन सभी एप के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए. उनकी शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

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पुलिस ने आरोपियों को नोटिस जारी कर दिया है और आगे की जांच प्रक्रिया जारी है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद कुछ असामाजिक तत्व अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग करते हुए सीएए के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और इसे देश भर में एनआरसी की प्रक्रिया से जोड़ रहे हैं.

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असामाजिक तत्व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, व्हाट्सएप, टिक टॉक आदि का दुरुपयोग कर रहे हैं और सोशल मीडिया ऑपरेटरों ने बड़ी संख्या में वीडियो और संदेशों को प्रसारित करने वाली सामग्री को सत्यापित किए बिना इन तत्वों के साथ सहयोग किया है.

शिकायतकर्ता का आरोप है कि व्हाट्सएप, ट्विटर, टिक टॉक आदि प्लेटफॉर्म जानबूझकर आपत्तिजनक वीडियो और शब्द सामग्री को प्रसारित कर रहे हैं जो राष्ट्र एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. उनका आरोप है कि ये आपत्तिजनक सामग्री गुप्त एजेंडे के तहत विभिन्न प्लेटफॉर्म्स से अंग्रेजी, उर्दू, अरबी, तमिल, तेलुगु और हिंदी आदि भाषाओं में प्रसारित की जा रही है.

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शिकायतकर्ता खुद कई व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य हैं जो सीएए और एनआरसी के खिलाफ काम कर रहे हैं. उनका आरोप है कि इन व्हाट्सएप ग्रुप में बेहद आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित हो रही है जो देश के लिए हानिकारक है. व्हाटसएप ग्रुप के एडमिन इन सामग्रियों की संवेदनशीलता को जांचे बगैर बाकी सदस्यों को प्रसारित करने के लिए प्रेरित करते हैं.

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