तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा है कि वह मार्क्सवादी हैं लेकिन कम्युनिस्ट देश चीन में नयी आजादी लाने के लिए वह पूंजीवाद के आभारी हैं जिसने उन्हें निष्कासित कर दिया था.
तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने न्यूयार्क में कहा ‘मैं अभी भी मार्क्सवादी हूं.’ यहां वह सार्वजनिक व्याख्यान देने के लिए भारी सुरक्षा बंदोबस्त के साथ पहुंचे हैं.
74 वर्षीय दलाई लामा ने कल कहा कि मार्क्सवाद के ‘नैतिक मूल्य’ हैं जबकि पूंजीवाद केवल लाभ कमाने के बारे में है.
हालांकि उन्होंने विश्व के सर्वाधिक आबादी वाले साम्यवादी देश में साम्यवाद की पकड़ ढीली होने के लिए बाजार अर्थशास्त्र को श्रेय दिया जिसके चलते सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को ‘सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करना पड़ा.’ उन्होंने कहा कि पूंजीवाद चीन में कई सकारात्मक चीजें लेकर आया है. लाखों लोगों के रहन सहन में सुधार हुआ है.
दलाई लामा रविवार तक मध्य मैनहट्टन के रेडियो सिटी म्यूजिक हाल में कई व्याख्यान देंगे. उन्होंने काफी आशावादी नजरिया जाहिर करते हुए कहा कि दुनिया एक उदार तथा अधिक एकजुट हो गयी है.
उन्होंने कहा कि युद्ध विरोधी आंदोलन, हैती में इस वर्ष भूकंप आने के बाद बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय सहायता प्रयासों और बराक ओबामा के अमेरिका का पहला अश्वेत राष्ट्रपति चुना जाना ‘इंसानों के अधिक सुलझा हुआ होने का स्पष्ट संकेत है.’
उनके व्याख्यानों के लिए सैकड़ों डालर मूल्य के टिकट बेचे जाने के बारे में पूछे जाने पर दलाई लामा ने कहा कि इसमें से कोई पैसा मुझे निजी रूप से नहीं मिलेगा. ‘इस बारे में आप आयोजकों से पूछें. मेरा कोई लेना देना नहीं है.