बीजेपी शासित हरियाणा और राजस्थान में अपने लैंड डील की जांच का सामना कर रहे राबर्ट वाड्रा ने कहा है कि उनके खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित है और उनका राजनीतिक औजार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और विवादों में रहने वाले इस कारोबारी ने कहा कि उन्हें कारोबार करने वाले किसी अन्य कारोबारी की तरह लिया जाना चाहिए और इस बात को उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा के राजनीतिक परिवार से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन दोनों तथ्यों को लगातार जोड़े बिना उन्हें देखा जाना चाहिए.
वाड्रा ने अपने ऊपर हो रहे हमलों को राजनीतिक करार देते हुए दावा किया कि बीजेपी जब भी लोगों का ध्यान बंटाना चाहती है एक राजनीतिक औजार के तौर पर उनपर हमले करती है.
'कानून के मुताबिक किया कारोबार'
वाड्रा ने कहा कि हमेशा उन्होंने कानून के मुताबिक अपने कारोबार में पारदर्शिता बरती है लेकिन उन्हें निशाना बनाया गया और झूठ फैलाया गया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्हें पेश किया गया उनके लिए बेहद कठिन स्थिति बन गई है. उन्होंने कहा, ‘मेरे बारे में धारणा इतनी गहरी हो गयी है कि ऐसा लगता है जैसे कि किसी के लिए अब सच के कोई मायने नहीं रह गए हैं.’ हरियाणा और राजस्थान में उनके कारोबार के खिलाफ की जा रही जांच के अलावा उनकी कंपनी को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से भेजे गए एक नोटिस पर उन्होंने कहा यह स्पष्ट राजनीतिक प्रतिशोध है.
'नहीं मिला है कोई नोटिस'
हरियाणा में जांच पर वाड्रा ने कहा कि उन्हें अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है, लेकिन उन्होंने इस संबंध में मीडिया में आई खबरें पढ़ी हैं. न्यायमूर्ति एस एन ढींगरा का एक सदस्यीय आयोग गुड़गांव के चार गांवों में वाड्रा की कंपनियों सहित कुछ कंपनियों को भूमि लाइसेंस दिए जाने के मामले में पड़ताल कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘जब मुझे नोटिस मिलेगा तो मैं जांच पर और ईडी के नोटिसों पर प्रतिक्रिया दूंगा. चूंकि इन कार्रवाईयों में कानूनी मुद्दे जुड़े हैं इसलिए इस स्तर पर मैं उस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.’
हरियाणा की बीजेपी सरकार ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान वाणिज्यिक कॉलोनियां विकसित करने के लिए गुड़गांव के सेक्टर 83 में वाड्रा की कंपनी सहित कुछ कंपनियों को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा लाइसेंस दिए जाने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए मई में ढींगरा आयोग का गठन किया था. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 17 नवंबर को कहा था कि आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगा. वाड्रा ने कहा कि कानून के प्रति उनकी अगाध आस्था है और उन्हें विश्वास है किसी भी राजनीतिक प्रतिशोध पर सच की जीत होगी.