पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गुरुवार को कलकत्ता विश्वविद्यालय की ओर से मानद ‘डॉक्टर ऑफ लिटरेचर’ (D.Litt) की डिग्री से नवाजा गया. कोलकाता में आयोजित दीक्षांत समारोह में मानद डिग्री लेते हुए भावुक दिख रहीं ममता ने कहा कि उन्हें इस विश्वविद्यालय में पढ़ा होने पर गर्व है.
ममता ने कहा, ‘मैं इसी विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा हूं. मैं कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्यार करती हूं. ये मुझे आगे भी प्रेरणा देता रहेगा.’ बता दें कि विश्वविद्यालय की ओर से ममता को मानद डिग्री दिए जाने के फैसले को एक जनहित याचिका के माध्यम से कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.
इस घटनाक्रम से आहत ममता ने कहा, ‘आप सब ने मुझे इस सम्मान के लिए चुना लेकिन मैं नहीं मानती कि मैं इसकी हकदार हूं. मेरा जीवन हमेशा अनदेखी से जुड़ा है. यद्यपि आपने मुझे ऐसे सम्मान के लिए चुना है, फिर भी मुझे काफी अनादर का सामना करना पड़ेगा.’
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के हाथों डिग्री लेने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि वे दुविधा में थीं कि गुरुवार को इस दीक्षांत समारोह में आएं या नहीं. जबकि विश्वविद्यालय के उन्हें डिग्री देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है.
63 वर्षीय ममता ने कहा, ‘मैं ऐसी जगहों पर जाना चाहती हूं जहां मेरा सम्मान अक्षुण्ण रहता है. लेकिन जिस तरह का आदर आपने मुझे यहां दिया है, कितना भी बड़ा विरोध क्यों ना हो वो मुझे यहां आने से नहीं रोक सकता था.’
ममता ने कहा, ‘मुझे जीवन में अधिक कुछ नहीं चाहिए सिवाए थोड़े स्नेह के. यही अकेली चीज़ है जो मैं चाहती हूं. मेरा पूरा जीवन संघर्ष की कहानी है. मैं पूरा जीवन आहत रही हूं, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी. आप जानते हैं क्यों? वो इसलिए कि मैं आप सब को प्यार करती हूं और अपने पूरे जीवन इसके लिए ऋणी रहूंगी.’
कलकत्ता विश्वविद्यालय के एक पूर्व प्रोफेसर ने ममता को मानद डिग्री दिए जाने के फैसले को मनमाना बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस जे भट्टाचार्य और जस्टिस अरिजित बनर्जी की बेंच ने सुनवाई की. गुरुवार को सुनवाई पूरी नहीं हुई. ये शुक्रवार को भी जारी रहेगी.