लंबे समय से बंद पड़ी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन पर भारी बकाए को लेकर निशाने पर आए विजय माल्या ने रविवार को कहा कि वह कर्जदाताओं को अतिरिक्त भुगतान के जरिए बैंकों के साथ एकमुश्त निबटारा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने निजी तौर से ‘कर्जदार’ होने के आरोपों को खारिज कर दिया.
खुद के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान का शक
माल्या ने आरोप लगाया कि सभी प्रकार के कर्जों के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराने का दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है. डिआजिओ के साथ एक सौदे के बाद ज्यादा समय इंग्लैंड में गुजारने और खुद पर लगे ‘भगोड़ा’ होने के आरोपों से उन्होंने इंकार किया.
भुगतान के बदले छोड़ा चेयरमैन का पद
शराब कारोबारी माल्या ने कहा कि वह लंबे समय से बंद एयरलाइन कंपनी किंगफिशर को बैंकों के कर्ज उपलब्ध कराए जाने के संबंध में जांच एजेंसियों के साथ सहयोग जारी रखेंगे. यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड के 7.5 करोड़ डॉलर के कर्ज का भुगतान डिआजिओ की ओर से किए जाने के बदले वह इस कंपनी के चेयरमैन का पद छोड़ने पर राजी हुए हैं.
गिरफ्तारी और पासपोर्ट जब्त करने की मांग
माल्या ने जोर देकर कहा कि वह कर्जदार या जान बूझकर अदायगी में चूक करने वाले नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय स्टेट बैंक को लंबे समय से किंगफिशर की वित्तीय परेशानियों के बारे में पता था. स्टेट बैंक ने उन्हें कर्ज वसूली अधिकरण (डीआरटी) में घसीटा है. बैंक ने उनकी गिरफ्तारी और उनका पासपोर्ट
जब्त किए जाने की मांग की है.