कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने महिला पत्रकार अमृता राय से अपने रिश्ते की स्वीकारोक्ति को हथियार बनाते हुए गुरुवार को नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वह मोदी की तरह कायर नहीं हैं जो सालों तक अपनी शादीशुदा जिंदगी के बारे में छिपाते रहें.
कांग्रेस ने इस सवाल पर सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी कि क्या दिग्विजय के बयान से पार्टी को किसी तरह की शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है. वहीं कांग्रेस नेता के बेटे और मध्य प्रदेश से विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि फिर से शादी करने का उनके पिता का फैसला निजी मामला है और वह अपने पिता को पूरा समर्थन देते हैं.
67 वर्षीय दिग्विजय ने संवाददाताओं से कहा, 'जहां तक मेरी बात है, मैं अपने रिश्ते को नहीं छिपाता जैसा कि मोदी करते हैं. इस मामले में मेरा रख बिल्कुल साफ है. मैं कायर नहीं हूं जो कि दुर्भाग्य से नरेंद्र मोदी हैं.' मोदी की ओर से पिछले महीने पहली बार अपनी शादी की बात स्वीकार किये जाने के बाद लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उन पर हमला करने वालों में दिग्विजय भी थे.
मोदी ने पिछले महीने वड़ोदरा लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करते समय हलफनामे में पहली बार कहा था कि उनकी पत्नी का नाम जशोदाबेन है. इससे पहले तक मोदी हलफनामे में वैवाहिक स्थिति वाला खाना खाली छोड़ते रहे हैं.
एआईसीसी की ब्रीफिंग में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दिग्विजय के बयान से कांग्रेस को किसी तरह की शर्मिंदगी के सवालों का सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, 'मैं लोगों की निजी जिंदगी पर टिप्पणी नहीं करता फिर वो चाहे कांग्रेस के हों या अन्य दलों के. यह संबंधित व्यक्ति पर छोड़ देना ही सबसे अच्छा होगा.'
दिग्विजय सिंह के विधायक पुत्र जयवर्धन ने कहा कि उनके पिता का फैसला निजी मामला है. उन्होंने भोपाल में ‘भाषा’ से टेलीफोन पर कहा, 'मुझे लगता है कि यह बेहद निजी विषय है, जिसके बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता.' उन्होंने कहा, 'हालांकि मैं यही कहना चाहता हूं कि मेरे पिता के लिए मेरा पूरा समर्थन है.'
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने बुधवार को ट्विटर पर घोषणा की थी कि उनके टीवी एंकर अमृता राय से संबंध हैं, जो अपने पति के साथ आपसी सहमति के आधार पर तलाक की अर्जी दायर कर चुकी हैं.