रविशंकर प्रसाद बुधवार को दिल्ली में तीसरे वेब रत्न पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस तरह भारत समाज को डिजिटल तरीके से बदलने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार को जन सहज बनाना तथा डिजिटल तरीके से गरीब-अमीर की खाई को पाटना है. उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही सरकारी प्रशासन में पारदर्शिता और साख की प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए ओपन सॉफ्टवेयर नीति लाएगी. डाक विभाग व सामान्य सेवा केन्द्र को डिजिटलीकरण के जरिए वंचित लोगों को सशक्त बनाने के लिए तैनात किए गए हैं. सामान्य सेवा केन्द्रों की संख्या लगभग चार लाख हैं.
वेब रत्न पुरस्कार ई-गवर्नेस के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल की मान्यता के रूप में दिए जाते हैं. वेब रत्न पुरस्कार ने अपनी अनूठी पहल से विभिन्न सरकारी विभागों में गुणवत्ता और मात्रा की दृष्टि से समग्र विकास में योगदान दिया है.
सरकारी मंत्रालयों तथा विभागों के ई-गवर्नेस प्रयासों का विभिन्न श्रेणियों में मूल्यांकन किया जाता है. तीन पुरस्कार- प्लेटिनम, स्वर्ण व रजत, प्रत्येक श्रेणी में विजेताओं को दिए गए. विजेताओं का चुनाव प्रत्येक श्रेणी से प्राप्त नामांकनों के आधार पर किया गया.
नागरिक केन्द्रित सेवा श्रेणी में पासपोर्ट सेवा परियोजना को प्लैटिनम पुरस्कार मिला. राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त विकास निगम तथा राष्ट्रीय ओपन स्कूलिंग संस्थान को क्रमश: स्वर्ण और रजत पुरस्कार मिले. ओपन डाटा चैंपियन श्रेणी में रजिस्ट्रार जनरल तथा जनगणना आयुक्त कार्यालय को प्लैटिनम पुरस्कार मिला.
योजना आयोग तथा सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को स्वर्ण पुरस्कार मिला. रजत पुरस्कार जल संसाधन मंत्रालय को मिला. टेक्नोलॉजी के नवाचारी उपयोग श्रेणी में किसान केन्द्रित सेवाओं के लिए एम किसान- गवर्नमेंट ऑफ इंडिया पोर्टल को प्लैटिनम पुरस्कार मिला.
स्वर्ण पुरस्कार मध्य प्रदेश वाणिज्य कर विभाग तथा वाणिज्य कर विभाग, तमिलनाडु को मिला. रजत पुरस्कार महाराष्ट्र सरकार की ऑनलाइन सहकारी सोसाइटी प्रक्रिया प्रबंधन प्रणाली ई-सहकार को प्राप्त हुआ. उत्कृष्ट कंटेंट श्रेणी में विदेश मंत्रालय को प्लैटिनम पुरस्कार मिला. जनजातीय मामले मंत्रालय, केरल पर्यटन तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय को क्रमश: स्वर्ण और रजत पुरस्कार मिले.
---इनपुट IANS से