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वैचारिक रूप में मैं सूचना प्रसारण मंत्रालय समाप्त करने के पक्ष में हूं: जावड़ेकर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यूनतम सरकार और अधिक प्रशासन की सोच के तहत वैचारिक और दार्शनिक रूप में अपने इस मंत्रालय को समाप्त करने के पक्ष में हैं.

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सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यूनतम सरकार और अधिक प्रशासन की सोच के तहत वैचारिक और दार्शनिक रूप में अपने इस मंत्रालय को समाप्त करने के पक्ष में हैं.

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जावड़ेकर से यह पूछा गया था कि क्या भारत को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जरूरत है जबकि कई लोकतांत्रिक देशों में ऐसा कोई मंत्रालय नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि आपने हमारे सामने अच्छी बात रखी है, लेकिन अंतत: जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अधिक प्रशासन और न्यूनतम सरकार की बात कहते हैं तब आप न्यूनतम सरकार और अधिकतम प्रशासन के विचार में योगदान कर रहे हैं. इसी पर हमारा जोर है लेकिन इसे हासिल करने के लिए आपको प्रक्रिया का पालन करना होगा.'

जावड़ेकर ने कहा, वह चाहेंगे कि सरकार का दखल कम से कम हो और स्वतंत्रता तथा बाजार से जुड़ी ताकतों के साथ सामाजिक न्याय को अधिक से अधिक हासिल किया जाए. केंद्रीय मंत्री करण थापर के कार्यक्रम ‘नथिंग बट द ट्रूथ’ में अपनी बात रख रहे थे. थापर ने जावड़ेकर से पूछा कि क्या उनका आशय यह है कि आज से तीन-चार वर्ष बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नहीं रहेगा. जावड़ेकर ने कहा, 'वैचारिक और आदर्श रूप में मैं ऐसा चाहूंगा.'

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उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में सरकारी स्वामित्व, सरकारी नियंत्रण या सरकारी हस्तक्षेप जैसे शब्द कम से कम सुने जाएंगे. थापर ने जावड़ेकर से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी भी वैचारिक और आदर्श रूप में उनकी सोच से सहमत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा से न्यूनतम सरकार और अधिकतम प्रशासन की बात कही है.

जावड़ेकर ने आगे सुझाव दिया कि वह दूरदर्शन और आकाशवाणी में पेशेवर संपादकों को नियुक्त करने के पक्ष में हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि जहां तक सार्वजनिक प्रसारक का सवाल है, इस संबंध में बीबीसी एवं अन्य कई मॉडल उपलब्ध हैं जिनका अध्ययन किया जाएगा. वह ऐसे मॉडल के पक्ष में नहीं है जहां सार्वजनिक प्रसारक केवल मंत्री के प्रति जवाबदेह हो. यह पूछे जाने पर कि क्या वह दूरदर्शन और आकाशवाणी में पेशेवर संपादक नियुक्त करेंगे और उन्हें पूर्ण स्वतंत्रता देंगे, जावड़ेकर ने कहा, 'यह अच्छा सुझाव है और हम इस पर गंभीरता से विचार करेंगे.' प्रसार भारती के कर्मचारियों के स्थानांतरण के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने एक भी स्थानांतरण नहीं किया है. वह प्रसार भारती के कामकाज में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे.

दूरदर्शन पर नरेंद्र मोदी के विवादास्पद साक्षात्कार से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रसारक को पूर्ण स्वतंत्रता दी जायेगी और वह किसी का भी साक्षात्कार ले सकेगा. मीडिया में एफडीआई पर एक सवाल के जवाब में जावड़ेकर ने कहा कि वह इस पर सभी पक्षों से चर्चा करने के पक्ष में हैं. वह मानते हैं कि समाचार मीडिया संवेदनशील विषय है और अधिक एफडीआई की अनुमति के विषय पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि वह महसूस करते हैं कि निजी रेडियो चैनलों को समाचार प्रसारित करने की अनुमति दी जा सकती है, हालांकि उनसे यह कहा जा सकता है कि वे आकाशवाणी के बुलेटिन या विश्वसनीय समाचार एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए समाचारों का इस्तेमाल करें.

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