मालेगांव ब्लास्ट केस से जुड़ी एक विशेष सरकारी वकील ने एक चौंकाने वाला दावा किया है. रोहिणी सालियन ने आरोप लगाया है कि जब से केंद्र में नई सरकार बनी है, जब से उस पर हिंदू आरोपियों के प्रति नरम रुख अख्तियार करने का दबाव डाला जा रहा है. अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने इस बारे में रिपोर्ट छापी है.
मालेगांव में साल 2008 में रमजान के दौरान हुए ब्लास्ट में मुस्लिम समुदाय के 4 लोग मारे गए थे. इस मामले में हिंदू चरमपंथियों पर आरोप हैं. इस बहुचर्चित केस से जुड़ी रोहिणी सालियन ने बताया कि बीते एक साल से जब से नई सरकार सत्ता में आई है, तब से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से उन पर दबाव बनाया जा रहा है. जांच एजेंसी ने उन्हें इस केस के आरोपियों के प्रति 'सॉफ्ट' रहने को कहा है.
विशेष सरकारी वकील रोहिणी ने कहा कि एनडीए सरकार बनने के बाद उन्हें NIA के एक अधिकारी का फोन आया. जब रोहिणी ने फोन पर केस की बात करने से इनकार कर दिया, तो अधिकारी ने उनसे मिलकर बताया कि उन्हें आरोपियों के प्रति नरम रुख अपनाना चाहिए.
रोहिणी सालियन ने मीडिया के सामने अपने बयान को सही करार दिया है.Yes, I stand by my interview: Rohini Salian, Public prosecutor on her statement on 2008 Malegaon blast pic.twitter.com/efDQ4Is7tE
— ANI (@ANI_news) June 25, 2015
My conscience is clear, whatever I have said in the interview is a fact, I stand by the truth: Rohini Salian, Public Prosecutor
— ANI (@ANI_news) June 25, 2015