नक्सलियों के साथ सहानुभूति रखने वाली जानी-मानी लेखिका अरुंधति रॉय ने आज कहा कि उन्होंने कभी भी माओवादियों को ‘बंदूकधारी गांधीवादी’ की संज्ञा नहीं दी.
अरुंधति ने कहा ‘‘मैंने उन्हें कभी बंदूकधारी गांधीवादी नहीं कहा. यह एक पत्रिका ने गलत तरीके से प्रस्तुत किया. मेरा कुछ और मतलब था.’’ उन्होंने कहा ‘‘मैंने उसी पत्रिका के अगले अंक को एक और पत्र लिखा, जिसमें मैंने अपने बिंदु को स्पष्ट किया.’’