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पाक दिवस में शिरकत को वीके सिंह ने पहनाया प्रोटोकॉल का कवच, बोल-'नहीं की इस्तीफे की पेशकश'

पाकिस्तान दिवस समारोह में भेजे जाने से नाराज बताए जा रहे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने इस्तीफे की पेशकश नहीं की है. केंद्रीय मंत्री ने 'आज तक' को बताया है कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश नहीं की है.

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gen. VK Singh
gen. VK Singh

पाकिस्तान दिवस समारोह में भेजे जाने से नाराज बताए जा रहे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने इस्तीफे की पेशकश नहीं की है. केंद्रीय मंत्री ने 'आज तक' को बताया है कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश नहीं की है.

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इससे पहले खबर आई थी कि पाकिस्तान दिवस के समारोह में शिरकत करने के बाद वीके सिंह ने इस्तीफे की पेशकश की और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री आवास में उच्च-स्तरीय बैठक हो रही है. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ, वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मौजूद बताए जा रहे थे.

उन्होंने यह भी कहा कि वह बीजेपी और सरकार के प्लिए ‘पूरी तरह से प्रतिबद्ध’ हैं. अपने ट्वीट को लेकर मीडिया के कुछ वर्गों पर राई का पहाड़ बनाने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि अनावश्यक विवाद पैदा किया गया, वहीं कुछ लोग उनकी राष्ट्रवादी साख पर सवाल कर रहे हैं.

'पार्टी, सरकार और PM के लिए प्रतिबद्ध'
सिंह ने अपने आवास पर मीडिया के समक्ष पढ़े गए एक बयान में कहा, ‘मेरा ट्वीट मीडिया के केवल उन वर्गों की ओर निर्देशित था जिन्होंने मेरी सरकार के इरादे पर सवाल उठाए थे और यह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के रूख पर भी था. मुझे लगता है कि यह स्पष्ट करना भी जरूरी है कि मैं अपनी पार्टी, सरकार और खासतौर पर अपने प्रधानमंत्री के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं.’ मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग कार्यक्रम में कश्मीरी अलगाववादियों के शरीक होने में कुछ भी नया नहीं था क्योंकि वे ऐसा साल दर साल करते आ रहे हैं.

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'प्रोटोकॉल के तहत गया था वहां'
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस्तीफा देने की पेशकश की है, सिंह ने कहा, ‘मैंने ऐसी कोई पेशकश नहीं की है. कभी-कभी कुछ लोग खुद से गढ़ कर कुछ दिखाते हैं. उनसे पूछिए कि ये खबरें कहां से आईं.’ पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि पाक उच्चायोग में पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोहों में शरीक होना एक प्रोटोकॉल है जिसका अनुपालन अतीत में हर विदेश राज्य मंत्री ने किया है और भविष्य में ऐसा किया जाता रहेगा.

सिंह ने कहा, ‘‘इस बार सिर्फ देखने का अंतर है क्योंकि पूर्व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ वहां दिखा, हालांकि लोग भूल गए कि वह मौजूदा सरकार में राज्य मंत्री हैं.’’ गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली में पाकिस्तान दिवस के मौके पर आयोजित जलसे में वीके सिंह उन्होंने हिस्सा लिया था. यहां अलगाववादी नेता भी मौजूद थे. तभी से वीके सिंह आलोचनाओं के घेरे में थे. बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि उन्हें सरकार की ओर से वहां भेजा गया. ट्विटर पर 'डिसगस्ट' (घृणा) और 'ड्यूटी' (जिम्मेदारी) को हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने अपना पक्ष रखा था और संकेतों में यह कहने की कोशिश की थी कि उन्हें सरकार की ओर से इस समारोह में शामिल होने को कहा गया, वरना उनका वहां जाने का मन नहीं था.

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सूत्रों के मुताबिक, वीके सिंह ने ट्विटर पर जो कुछ लिखा, उससे केंद्र सरकार और बीजेपी खफा है. सूत्रों के मुताबिक, शीर्ष बीजेपी नेताओं का कहना है कि सिंह समारोह में केंद्र सरकार का प्रतिनिधि‍त्व कर रहे थे, ऐसे में उन्हें इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए थी.

जनरल वीके सिंह के साथ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर, जहीर अब्बास, अहमद बुखारी के साथ अन्य देशों के डिप्लोमेट्स ने भी कार्यक्रम में शिरकत की थी.

गौरतलब है कि हुर्रियत नेताओं के इस कार्यक्रम में भाग लेने और पाकिस्तानी उच्चायुक्त से बातचीत के बाद कश्मीर मसला एक बार फिर जिंदा हो गया है. पाकिस्तानी दूतावास की ओर से हुर्रियत नेताओं को भी कार्यक्रम का न्योता भेजा गया था और गिलानी से लेकर मीरवाइज फारुक तक सभी कार्यक्रम में शिरकत करने पाक उच्चायोग पहुंचे थे. उच्चायोग पहुंचे डिप्लोमेट्स और नेताओं का स्वागत पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने किया था. ये वही बासित हैं जिन्होंने हुर्रियत के नेताओं से मुलाकात की थी और इस मुलाकात से नाराज होकर भारत सरकार ने पाकिस्तान से सचिव स्तर की बातचीत रद्द कर दी थी.

खबर है कि दिल्ली में कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी न्योता मिला था. लेकिन दोनों नेताओं ने कार्यक्रम में शामिल न होना ही बेहतर समझा.

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