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‘तेरे दिल की बात मैं जानूं’, यकीन मानिए सच ही है ये

कई साल पहले एक विज्ञापन आया था, जिसमें एक पत्नी अपने पति से कहती थी, ‘‘तेरे दिल की बात मैं जानूं.’’ पत्नी की पति से कही ये पंक्तियां अगर आपको झूठ लगती हों तो एक बार फिर सोच लीजिए.

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कई साल पहले एक विज्ञापन आया था, जिसमें एक पत्नी अपने पति से कहती थी, ‘‘तेरे दिल की बात मैं जानूं.’’ पत्नी की पति से कही ये पंक्तियां अगर आपको झूठ लगती हों तो एक बार फिर सोच लीजिए.

अब तो वैज्ञानिकों ने भी साबित कर दिया है कि पति और पत्नी के दिल को दिल से राह होती है और दोनों एक-दूसरे के दिल की बात पहले से जान जाते हैं.

सिडनी यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि कुछ जोड़ों के मस्तिष्क एक-दूसरे के साथ तारतम्यता में काम करने लगते हैं और उनके तंत्रिका तंत्र के कई भाग एक-दूसरे के साथ सामंजस्य बिठा लेते हैं.

वैज्ञानिकों ने इसके लिए 30 लोगों के मस्तिष्क और दिल की धड़कन का अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि जो जोड़े मानसिक तौर पर एक-दूसरे के बहुत करीब थे, भले ही शारीरिक तौर पर उन्हें दूर रखा गया हो, उनके मस्तिष्क की गतिविधियों में एकरूपता थी.

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‘डेली मेल’ की खबर में कहा गया है कि इसका मतलब ये है कि वे ऐसी स्थिति में पहुंच चुके थे, जिसमें दोनों के तंत्रिका तंत्र बिल्कुल एक-तरह से काम करते थे और दोनों बिना बोले ही एक दूसरी की भावनाएं और विचार जान जाते थे.

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस शोध के बाद दंपतियों, करीबी मित्रों और परिवार के सदस्यों के व्यवहार के अध्ययन में मदद मिलेगी. मनोवैज्ञानिक लंबे समय से मानते थे कि कुछ जोड़े एक-दूसरे की तरह सोचने लगते हैं, जिससे एक साथी को पहले से ही पता चल जाता है कि दूसरा क्या सोच रहा है और क्या बोलने वाला है, लेकिन इस शोध में दोनों के तंत्रिका तंत्र की गतिविधियों के बारे में और गहराई से अध्ययन किया गया है.

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