पूर्व क्रिकेटर और सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने आखिरकार राज्यसभा से अपने इस्तीफे को लेकर चुप्पी तोड़ दी. सोमवार को बीजेपी नेतृत्व पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि उनके लिए पंजाब से बड़ा कुछ नहीं है. पंजाब उनका घर है, लेकिन उन्हें दिल्ली से ऑर्डर आया कि पंजाब से दूर रहो. सिद्धू ने कहा कि इसलिए उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया.
सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी को कटघरे में खड़े करत हुए कहा, 'मैंने राज्यसभा से इसलिए इस्तीफा दिया कि मुझसे कहा गया कि तुम पंजाब की तरफ मुंह करके नहीं देखोगे. मुझसे पंजाब से दूर रहने के लिए कहा गया. लेकिन सिद्धू अमृतसर को दिया अपना वचन नहीं तोड़ सकता. पक्षी शाम को अपने घर ही लौटता है, फिर सिद्धू पंजाब कैसे छोड़ सकता है.'
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्हें बिना किसी कारण के पंजाब छोड़ने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा, 'मुझे कोई कारण तो बताओ. जिस पंजाब ने मुझे चार बार इतना बड़ा सम्मान दिया. मैं भला उसे कैसे छोड़ सकता हूं. जहां पंजाब का हित होगा, सिद्धू वहां खड़ा रहेगा.'
सिद्धू बोले- मुझे मेरे घर से दूर किया गया
सिद्धू का कहना था कि 'मैं पंजाब को कैसे छोड़ सकता हूं पंजाब से कैसे दूर रह सकता हूं मेरे धर्म से, मेरे घर से कोई मुझे दूर कैसे कर सकता है. पंजाब से दूर रहने का मतलब मैं अपना घर छोड़ दूंगा. जो संभव नहीं था.' सिद्धू का कहना है कि 'पंजाब मेरे लिए सबसे बढ़कर है मुझे कोई पद नहीं चाहिए, मगर पंजाब के लिए कुछ भी भुगतने को तैयार हूं. मैं हमेशा से पंजाब और अमृतसर की सेवा करना चाहता हूं. मैं उन लोगों के साथ हूं.'
बादल परिवार की आलोचना की वजह से हुए साइडलाइन
सिद्धू ने आम आदमी पार्टी में जाने और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर उठे सवालों पर इतना ही कहा कि पंजाब के हित उनके लिए सर्वोपरि है और वह उसी के साथ हैं जो पंजाब के हितों पर ध्यान देगा. साफ है कि सिद्धू ने अभी अपनी आगे की रणनीति का खुलासा तो नहीं किया मगर इतना जरूर स्पष्ट कर दिया कि वह पंजाब की राजनीति करना चाहते हैं. आने वाले विधानसभा चुनाव में भी अपनी हिस्सेदारी चाहते हैं जो कि बीजेपी में रहते मुमकिन नहीं थी. क्योंकि अकाली दल नहीं चाहता था कि सिद्धू पंजाब में आए और कैंपेन करें. वजह साफ है की सिद्धू बादल परिवार की आलोचना करते रहे हैं और कह भी चुके हैं कि वह अकाली दल के लिए कैंपेन नहीं कर सकते. यही वजह थी कि बीजेपी ने बादल के दबाव के कारण सिद्धू को पंजाब में जाने से रोका.
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'मुझे कुरुक्षेत्र, दिल्ली से चुनाव लड़ने कहा'
सिद्धू ने आगे कहा, 'दुनिया की कोई भी पार्टी पंजाब से ऊपर नहीं है. अगर यह पहली बार होता तो मैं सहन कर जाता, लेकिन तीसरी-चौथी बार ऐसा हुआ. सिद्धू को तब पंजाब से चुनाव लड़ने बोला, जब विरोधी लहर थी. सिद्धू जीता. लोगों ने विश्वास किया और चार बार मौका दिया. लेकिन जब मोदी साहब की लहर आई तो विरोधी डूबे ही, सिद्धू को भी डुबो दिया.'
Jahan Punjab ka hitt hoga, Sidhu ko khadaa paoge: Navjot Singh Sidhu pic.twitter.com/3gbf0WUYsn
— ANI (@ANI_news) July 25, 2016
'100 बार भी पूछोगे तो पंजाब को चुनूंगा'
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्हें पंजाब की बजाय कुरुक्षेत्र और फिर पश्चिमी दिल्ली से चुनाव लड़ने को कहा गया. उन्होंने कहा कि वह अपने लोगों को धोखा नहीं दे सकते. सांसद ने कहा, 'नवजोत सिंह सिद्धू को अगर 100 बार अपना परिवार, अपनी पार्टी और पंजाब में से चुनना पड़ेगा तो 100 बार पंजाब को ही चुनूंगा.'
AAP ज्वॉइन करने के सवाल को टाला
आम आदमी पार्टी ज्वॉइन करने का सवाल टालते हुए सिद्धू ने कहा कि जहां भी पंजाब का हित होगा, वह वहां खड़े मिलेंगे. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी छोड़ने को लेकर भी कुछ नहीं कहा.