सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता को झटका देते हुए गुरुवार को कहा है कि बतौर शशि एंटरप्राइजेज की साझेदार तीन सालों से क्षमता के अनुरूप आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल न करने पर उन्हें मुकदमा का सामना करना पड़ेगा. न्यामूर्ति के.एस. राधाकृष्णन की पीठ ने निचली अदालत को सुनवाई चार महीने के अंदर पूरी करने के निर्देश दिए हैं.
जयललिता और शशिकला ने शशि एंटरप्राइजेज की स्थापना की थी, न ही कंपनी और न ही दोनों साझीदारों ने 1991-92, 92-93 और 93-94 में आईटीआर दाखिल नहीं किया है. जयललिता ने कहा था कि कंपनी को तब से कोई आय नहीं हुई है, इसलिए कर से बचने का कोई मतलब नहीं है. आईटीआर दाखिल न करना अपराध नहीं है. हालांकि, चेन्नई की आर्थिक अपराध न्यायालय ने उनकी दलील को खारिज कर दिया, और कहा कि आईटीआर दाखिल न करना अपराध है और उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.
आर्थिक अपराध न्यायालय की अपील पर सर्वोच्च न्यायालय ने इसे स्वीकार लिया और अब जयललिता और शशिकला के खिलाफ मुकदमा चलेगा.सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया.