दुनियाभर में अपनी सभ्यता और संस्कृति की दुहाई देने वाले हिंदुस्तान में अफ्रीकी छात्रा की पिटाई और सरेराह उसके कपड़े उतरवाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में तंजानिया मूल के ही एक अन्य छात्र का बयान आया है, जो हम भारतीयों की इस कारस्तानी की शर्मनाक कहानी बयान करता है. छात्र का कहना है कि भीड़ ने लड़की को 20 मिनट तक दौड़ाकर पीटा, कपड़े उतरवाए और जब वह उसे बचाने पहुंचा तो उसकी भी पिटाई कर दी.
अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' में छपी खबर के मुताबिक, तंजानिया के छात्र पीटर (बदला हुआ नाम) ने रविवार शाम की इस वारदात को याद करते हुए कहा, 'भीड़ बहुत उग्र थी. वह लोग उस असहाय लड़की का 20 मिनट तक पीछा करते रहे. वह दौड़ रही थी और मदद के लिए चीख रही थी. भीड़ में लोगों ने उसे खूब पीटा, उसके कपड़े फाड़ डाले, उसे लगभग नंगा कर दिया. जब मैंने उसे बचाने की कोशिश की तो मैं भी भीड़ के निशाने पर आ गया. उन्होंने मुझे भी दौड़ाया और पिटाई की.'
आचार्य इंस्टीट्यूट से पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई कर रहे पीटर ने बताया कि वह अपने कजिन के घर गया था. जब उसे पता चला कि भीड़ अफ्रीकी छात्रा की पिटाई कर रही है तो वह घटना स्थल पहुंचा.
महिला की मौत से थी नाराजगी
गौरतलब है कि यह घटना बंगलुरु में रविवार को उस समय हुई जब कुछ लोग एक विदेशी छात्रा की कार के नीचे आने से एक महिला की मौत को लेकर नाराज थे. उन्होंने पहले कार चला रहे एक दूसरे विदेशी छात्र की पिटाई की और उसकी कार को आग लगा दी. इस दौरान उन्होंने वहां से गुजरने वाली 24 साल की मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही तंजानिया की छात्रा से भीड़ ने बदसलूकी की और उसके कपड़े फाड़ दिए गए.
भीड़ ने लड़की को शर्ट देने से रोका
पीटर ने बताया, 'मैंने लड़की को बचाने की कोशिश की. हम वहां से भागे. भीड़ ने उसके कपड़े फाड़ दिए थे, मैंने उसे अपनी शर्ट देनी चाही, लेकिन लोगों ने मुझे ऐसा करने से रोका और फिर मेरी पिटाई कर दी.' छात्र ने बताया कि एक स्थानीय नागरिक ने लड़की को अपनी टी-शर्ट दी तो भीड़ ने उसे भी पीटा.
छात्र ने बताया कि बाद ने कुछ स्थानीय लोगों ने ही उसे बचाया और फिर चार लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर उसे घेर लिया ताकि भीड़ से बचाया जा सके. बाद में लड़की और छात्र को अस्पताल ले जाया गया.