भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हत्या के आरोपी नौसैनिकों को भारत नहीं लौटने के इटली के रवैये पर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मुताबिक, 'ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मैं विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से इस मुद्दे को इटली के साथ उठाने को कहूंगा.'
गौरतलब है कि इटली सरकार ने कहा था कि भारत में दो मछुआरों की हत्या के आरोप में सुनवाई का सामना कर रहे दो नौसैनिक भारत नहीं लौटेंगे जिन्हें हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने इटली में चुनाव में वोट डालने के लिये स्वदेश जाने की अनुमति दी थी.
नौसैनिकों मास्सिमिलिआनो लाटोरे और सल्वातोरे गिरोने पर जलदस्यु रोधी अभियान के दौरान पिछले साल फरवरी महीने में केरल के तट के पास दो मछुआरों की हत्या का आरोप है. उच्चतम न्यायालय ने इन इतालवी नौसैनिकों को चार सप्ताह के लिए इटली जाने की अनुमति दी थी ताकि वे आम चुनाव में मतदान कर सके.
पिछली बार उन्हें क्रिसमस की छुट्टियां मनाने के लिये स्वदेश जाने की अनुमति दी गई थी और छुट्टियां खत्म होने पर वे भारत लौट आये थे. इस बीच एक चौंका देने वाले घटनाक्रम में इटली के विदेश मंत्रालय ने भारतीय अधिकारियों पर नौसैनिकों को हिरासत में लेकर अंतरराष्ट्रीय अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया.
मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा था कि एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ से इस मामले की जांच कराने का विकल्प ‘खुला’ हुआ है. नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसे इटली से एक संदेश मिला है और वह इसका सावधानी से अध्ययन करेगी.
हालांकि मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि इस संदेश में क्या लिखा था. बयान के अनुसार नई दिल्ली में इटली के राजदूत डेनिअल मानसिनि ने इस संबंध में विदेश मंत्रालय को एक ‘नोट वर्बल’ (राजनयिक नोट) सौंपा.
इसमें कहा गया है कि भारत ने इस मामले के राजनयिक समाधान के इटली के अनुरोध का जवाब नहीं दिया और अब दोनों देशों के बीच ‘समुद्री कानून को लेकर संयुक्त राष्ट्र के समझौते’ की शर्तो को लेकर ‘विवाद’ है.
बयान में कहा गया था कि इटली ने भारत सरकार को सूचित कर दिया है कि दोनों देशों के बीच एक अंतरराष्ट्रीय विवाद की औपचारिक शुरुआत को देखते हुए दोनों नौसैनिक मास्सिमिलिआनो लाटोरे और सल्वातोरे गिरोने, उन्हें घर जाने के लिये दी गई छुट्टियों के खत्म होने पर भारत नहीं लौटेंगे.
गौरतलब है कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने 22 फरवरी को दोनों नौसैनिकों को उनके देश में 24 और 25 फरवरी को हुये चुनाव में मतदान के लिये स्वदेश जाने की अनुमति दी थी. पीठ ने कहा था कि नौसैनिकों को केवल इटली में यात्रा करने और वहां रहने की अनुमति होगी और उन्हें चार सप्ताह की समय सीमा के खत्म होने पर भारत लौटना होगा.