भले ही फिल्म अभिनेता संजय दत्त 1993 बम ब्लास्ट के एक मामले के संबंध में मिली सजा पर माफी के लिए कोई अपील नहीं करेंगे . लेकिन जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने संजय दत्त को माफी देने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को चिट्ठी लिखी है. साथ ही उन्होंने गृहमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल से भी संजय दत्त को माफी देने की अपील की है.
गुरुवार को ही जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने संजय दत्त के बाद जैबुन्निसा काजी को भी माफी देने की वकालत की है. उन्होंने कहा था कि वो इसके लिए राष्ट्रपति और राज्यपाल को चिट्ठी लिखेंगे. 70 साल की जैबुन्निसा काजी को भी संजय दत्त की तरह ही अवैध हथियार रखने के मामले में पांच साल की सजा मिली है. फर्क सिर्फ़ इतना है कि संजय दत्त को जहां आर्म्स एक्ट में सज़ा मिली है वहीं ज़ैबुन्निसा को टाडा के तहत.
क्या संजय दत्त को माफी मिलनी चाहिए?
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मार्कंडेय काटजू ने गुरुवार को कहा कि वह वर्ष 1993 के बम विस्फोटों के सिलसिले में बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को सर्वोच्च न्यायालय से मिली पांच साल की सजा माफ करने के लिए अपील करेंगे.
काटजू ने कहा कि वह मानवता के आधार पर उनकी सजा माफ करने की अपील करेंगे. साथ ही वह इस मामले में पांच साल की ही सजा पाने वाली जैबुन्निसा की सजा माफ करने के लिए भी अपील करेंगे.
सजा माफी के लिए अपील नहीं करने के संजय के फैसले के बाद अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए काटजू ने कहा, 'संजय अपील नहीं कर सकते हैं, लेकिन मैं उन्हें माफ किए जाने की अपील करूंगा. मुझे लगता है कि वह इसके हकदार हैं.'
काटजू ने आज तक से कहा, 'संजय ने कहा है कि वह माफी के लिए अपील नहीं करेंगे, लेकिन दूसरे लोग माफी के लिए अपील कर सकते हैं और मैं उनके लिए ऐसा करने जा रहा हूं. मैं संजय और जैबुन्निसा दोनों की सजा माफ करने के लिए पत्र तैयार कर रहा हूं.'
उन्होंने कहा कि वह 53 वर्षीय संजय ओर 70 वर्षीया जैबुन्निसा के लिए मानवता के आधार पर सजा माफी की अपील करने जा रहे हैं . जैबुन्निसा वर्ष 1993 के मुंबई बम विस्फोटों में सह-आरोपी थीं. सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें भी पांच साल कैद की सजा सुनाई है.
संजय और जैबुन्निसा की माफी के लिए अपील करने के कारण के बारे में काटजू ने कहा, 'संजय ने 20 साल तक पीड़ा भुगती है. मैं उनकी सजा माफ करने के लिए लगातार प्रयास करता रहूंगा. व्यक्तिगत रूप से मैं उन्हें नहीं जानता. न तो मैं उनका प्रशंसक हूं और न ही फिल्में देखता हूं. मैं उनका मित्र या रिश्तेदार नहीं हैं. लेकिन संजय और जैबुन्निसा, दोनों मानवता के आधार पर सजा माफी के हकदार हैं.'
काटजू ने कहा, ‘मैंने संजय दत्त से बात नहीं की. मैंने उनसे संपर्क नहीं किया और उन्होंने भी मुझसे संपर्क नहीं किया. मैंने अपनी पहली अपील उनसे संपर्क किए बिना ही जारी की थी.’ उन्होंने कहा, ‘अगर आप संविधान के अनुच्छेद 72 और 161 का अध्ययन करते हैं तो इनमें यह नहीं कहा है कि कौन अपील का सकता है. अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति और अनुच्छेद 161 राज्यपाल को माफ करने का अधिकार देता है.’
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने कहा, ‘परंतु ये दोनों अनुच्छेद इसका उल्लेख नहीं करते हैं कि कौन अपील कर सकता है. यह भी नहीं लिखा है कि किन बुनियादों पर माफी दी जा सकती है.’
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने संजय दत्त को मुंबई में 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में शस्त्र अधिनियम के तहत पांच साल कैद की सजा सुनाई थी और इसे पूरा करने के लिए जेल लौटने का आदेश दिया था.
वहीं अपनी माफी के लिए उठ रही मांग के बीच 53 वर्षीय बॉलीवुड अभिनेता ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने कहा, ‘मैं आपको जो बता सकता हूं, वह यह है कि मैंने माफी के लिए अपील नहीं की है.’ प्रेस के साथ बातचीत के दौरान संजय दत्त रो पड़े.