कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अपने इस बयान पर अडिग रहे कि राहुल गांधी में एक शासक के तेवर नहीं है. विरोधी दल अभी तक कहते आए हैं कि राहुल प्रधानमंत्री बनने के काबिल नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में ‘कुछ आलोचक’ हो सकते हैं लेकिन ‘इससे हमें उनका समर्थन करने से नहीं रोका जा सकता.’
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने बयान से कभी नहीं पलटूंगा. आप उन्हें 2004 चुनाव जीतने का श्रेय क्यो नहीं देते या सोनिया गांधी और राहुल गांधी को 2009 चुनाव में मिली सफलता का श्रेय क्यो नहीं देते. आप सिर्फ एक ही बात पर क्यों अड़े हुए हैं.’
दिग्विजय ने कहा, ‘वह सत्ता के पीछे नहीं भागते. वह ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी अपनी विचारधारा और नजरिया है. वह निचले और कमजोर वर्ग के लिये लड़ना चाहते हैं.’ उनके बयान को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति अविश्वास के रूप में देखा जा रहा है.
यह पूछने पर कि राहुल ने पिछले दस साल में क्या सीखा तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष का यकीन पार्टी को लोकतांत्रिक ढंग से चलाने में है. उन्होंने युवा कांग्रेस और एनएसयूआई में लोकतांत्रिक प्रक्रिया लागू की और ‘कांग्रेस में भी ऐसा ही करना चाहते होंगे.’